जब CM योगी को देखकर फूटफूट रोने लगी थीं मां, जीते जी नहीं पूरा हो पाया पिता का ये सपना

लखनऊ (Uttar Pradesh) । यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट का आज निधन हो गया। उनका उपचार दिल्ली के एम्स में चल रहा था। आज हम आपको सीएम योगी आदित्यनाथ और उनके पिता के बारे में एक और खास कहानी बता रहे हैं, जिसका सपना सीएम के पिता ने देखा था, जो उनके जीते जी नहीं पूरा हो सका है। वहीं, योगी आदित्यनाथ की जीवन यात्रा पर लिखी गई किताब योद्धा योगी के मुताबिक उन्हें (सीएम योगी आदित्यनाथ) को जब उनके पिता ने पहली बार संयासी के रूप में देखा तो उन्हें अवाक रह गए थे। घर पहुंचने के बाद उन्होंने उनकी (सीएम योगी आदित्यनाथ) मां से सारी बातें बताई। मां को यकीन नहीं हुआ तो वह गोरखनाथ मंदिर गईं। जहां अपने बेटे को संन्यासी वेष में देखकर वह फूट-फूटकर रोने लगीं थीं। 

Ankur Shukla | Published : Apr 20, 2020 10:27 AM IST / Updated: Apr 20 2020, 04:31 PM IST
111
जब CM योगी को देखकर फूटफूट रोने लगी थीं मां, जीते जी नहीं पूरा हो पाया पिता का ये सपना

प्रवीण कुमार द्वारा लिखी गई किताब योद्धा योगी के मुताबिक संन्यासी बनने की बात सुनकर उनकी (सीएम योगी आदित्यनाथ की) मां को यकीन नहीं हुआ था। वह तुरंत योगी आदित्यनाथ के पिता को साथ लेकर गोरखपुर के लिए निकल पड़ीं थी। (फाइल फोटो)
 

211

गोरखनाथ मंदिर अपने बेटे को संन्यासी वेष में देखकर वह फूट-फूटकर रोने लगीं। इस दौरान उनके पिता ने उन्हें समझाया कि अब यहीं से लोगों का कल्याण होना है। यह रोने का समय नहीं है।(फाइल फोटो)
 

311

माता-पिता को देखकर योगी भी भावुक हो गए थे। लेकिन, उन्होंने मन के ज्वार को रोके रखा। मंदिर से विदा करते समय उन्होंने मां से कहा था कि छोटे परिवार से बड़े परिवार में मेरा एक संन्यासी के रूप में मिलन है। उसी रूप में जीवन जी रहा हूं।(फाइल फोटो)
 

411

पीठाधीश्वर अवैद्यनाथ ने भी उन्हें समझाया और कहा कि योगी पर कोई प्रतिबंध नहीं है। वह जब चाहे, आप लोगों के पास जा सकते हैं। आप भी जब चाहे यहां आ सकती हैं, रह सकती हैं। आपका सदैव स्वागत है(फाइल फोटो)
 

511

चार वर्ष बाद आदित्यनाथ ने संन्यासी के रूप में पंचूर की पहली यात्रा की। यह यात्रा संन्यासी जीवन का एक महत्वपूर्ण विधान पूरा करने के लिए था। उन्हें अपने माता-पिता से संन्यासी के रूप में भिक्षा लेनी थी।(फाइल फोटो)

611

माता पिता ने अपने संन्यासी पुत्र को भिक्षा के रूप में चावल, फल और सिक्के दिए थे। इस दौरान भी उनके परिवार वालों ने उन्हें रोकने की कोशिश की गई थी, लेकिन उन्होंने कहा कि मैं यहां रहने नहीं, भिक्षा लेने आया हूं। (फाइल फोटो)
 

711

14 जनवरी 1994 को आदित्यनाथ दीक्षा लेकर तथा योगी की सभी क्रियाओं को पूरा कर 'योगी आदित्यनाथ' बन गए। भक्त वहीं से उन्हें छोटे महाराज की उपाधि देकर संबोधित करने लगे।(फाइल फोटो)

811

बता दें कि सीएम के पिता ने आज दिल्ली एम्स में आखिरी सांस ली। उनका सुबह दस बजकर 44 मिनट पर स्वर्गवास हो गया। वह विगत 13 मार्च से अस्पताल में भर्ती थे।(फाइल फोटो)

911

सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता अपने परिवार के साथ उत्तराखंड में यमकेश्वर के पंचूर गांव में रहते थे। उनका अंतिम संस्कार गांव में पैतृक घाट पर ही किया जाएगा। (फाइल फोटो)
 

1011
1111

मीडिया से जुड़े लोगों के मुताबिक आनंद सिंह बिष्ट ने अपने पुत्र योगी आदित्यनाथ के लिए एक सपना देखा था। एक पत्रकारवार्ता के दौरान आनंद सिंह बिष्ट ने कहा था कि योगी एक दिन देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। लेकिन यह उनके जीवन काल में पूरा न हो सका। (फाइल फोटो)
 

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos