भाई की मौत फिर भी किसी को बिना बताए प्रियंका की सुरक्षा करती रही CO, बदले में मिले ऐसे आरोप
लखनऊ (Uttar Pradesh). कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने जिस महिला पुलिस अफसर पर बदसलूकी का आरोप लगाया है, वो खुद एक दर्द को अपने सीने में दबाए अपना फर्ज पूरा कर रही थी। उसने अपने अफसरों से छुट्टी भी मांगी, लेकिन उसे प्रियंका की सुरक्षा में ड्यूटी करने लगा दिया गया।
शनिवार यानी 28 दिसंबर को लखनऊ में कांग्रेस के स्थापना दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद प्रियंका नागरिकता कानून के खिलाफ हुई हिंसा में गिरफ्तार किए गए पूर्व आईपीएस एस.आर. दारापुरी, सोशल ऐक्टिविस्ट तथा कांग्रेस प्रवक्ता सदफ जफर के परिजनों से मिलने जा रही थीं। लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में रोक लिया।
प्रियंका ने पुलिस पर आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की। उनका गला दबा धक्का दिया गया। जिससे वो नीचे गिर गईं।
प्रियंका ने जिस महिला अफसर पर आरोप लगाया है उनका नाम है डॉ. अर्चना सिंह। ये लखनऊ में माडर्न कंट्रोल रूम में सीओ के पद पर तैनात हैं।
जिस वक्त सीओ अपनी ड्यूटी निभा रही थीं, उसी समय दिल्ली अस्पताल में भर्ती उनका छोटा चचेरा भाई जिंदगी और मौत से लड़ रहा था। जानकारी के मुताबिक, सीओ ने प्रियंका की सुरक्षा में लगने से पहले अपने अफसरों से भाई को देखने जाने के लिए छुट्टी मांगी थी, लेकिन नामंजूर कर दी गई और प्रियंका की सुरक्षा में ड्यूटी लगा दी गई।
ड्यूटी के दौरान अर्चना सिंह को सूचना मिली कि उनके भाई की मौत हो गई। उसे पीलिया था, पूरे शरीर में इंफेक्शन फैल चुका था। लेकिन सीओ ने भनक किसी को भी नहीं लगने दी। वो चुपचाप अपनी ड्यूटी करती रहीं। लेकिन जब प्रियंका ने उनपर आरोप लगाया तो भावुक हो गईं। ड्यूटी पूरी करने के बाद देर शाम उन्होंने एसएसपी कलानिधि नैथानी से बिहार में पैतृक गांव जाकर क्रियाक्रम में शामिल होने की परमिशन मांगी।
सीओ एमसीआर डॉ. अर्चना सिंह ने कहा, प्रियंका के आरोप में बिल्कुल सत्यता नहीं है।
सीओ डॉ. अर्चना सिंह ने कहा, मैं प्रियंका गांधी वाड्रा के फ्लीट की इंचार्ज थी। उनके साथ किसी ने भी अभद्रता नहीं की है। मैंने सिर्फ अपनी ड्यूटी की। इस घटना के दौरान मेरे साथ भी धक्कामुक्की हुई थी।
एसएसपी कलानिधि नैथानी ने कहा कि आरोप पूरी तरह गलत हैं। इस संबंध में सीओ एमसीआर डॉ. अर्चना सिंह ने रिपोर्ट दी है। सीओ अर्चना सिंह प्रियंका गांधी की फ्लीट की प्रभारी थीं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रियंका गांधी पार्टी दफ्तर से गोखले मार्ग के लिए निकली थीं। उनकी फ्लीट तय रास्ते से न जाकर लोहिया पथ की तरफ जाने लगी। इस पर जब बातचीत की गई तो कोई सही जवाब नहीं मिला। बाकी आरोप गलत हैं।