हादसे की खबर मिलते ही जयराम के परिजन भी मौके पर पहुंचे। कोई मलबे में अपने भाई की तलाश कर रहा था, तो कोई अपने पिता की। महिलाएं भी रोती-बिलखती अपनों को खोज रही थीं। कौन कहां है, किसी को पता नहीं था। हर किसी की जुबां से यही निकल रहा था कि यह क्या हो गया?