गाजियाबाद हादसे की आंखों देखी:पिता की चिता जलाने गया बेटा भी मर गया, पोता बोला-पापा-चाचा का पता नहीं


गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश). गाजियाबाद के मुरादनगर श्मशान घाट हादसा कई परिवारों में मातम बिखेर गया। कहां लोग एक युवक का अंतिम संस्कार करने के लिए गए थे और वह खुद इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब तक 18 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। जबकि 24 लोग गंभीर रुप से घायल हैं। 38 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। हादसा इतना भयानक था कि जिस शख्स का दाह संस्कार करने के लिए बेटा गया था, वह भी इस हादसे में मारा गया।

Asianet News Hindi | Published : Jan 3, 2021 12:50 PM IST / Updated: Jan 03 2021, 07:13 PM IST

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गाजियाबाद हादसे की आंखों देखी:पिता की चिता जलाने गया बेटा भी मर गया, पोता बोला-पापा-चाचा का पता नहीं


दरअसल, यह दर्दनाक हादसा रविवार सुबह मुरादनगर के श्मशान में हुआ था। बता दें कि शनिवार देर रात शहर के फल कारोबारी 65 साल के जयराम की बीमारी के चलते मौत हो गई थी। करीब 100 से ज्यादा लोग उसके अंतिम संस्कार में  पहुंचे थे। इसी दौरान अचानक बारिश होने लगी तो लोग उससे बचने के लिए श्मशान घाट की गैलरी की छत के नीचे खड़े हो गए। तभी अचानक गैलरी का लेंटर गिर गया और नीचे खड़े लोग मलबे में दब गए।

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इस दिल दहला देने वाले हादसे को जिसने भी देखा उसके रोंगटे खड़े हो गए। मृतक जयराम के परिवार तो उसकी मौत से बिलख ही रहा था कि इस हादसे में उसके बेटे की मौत हो गई। जो अपने पिता की चिता को आग देने के लिए मुरादनगर  श्मशान पहुंचा हुआ था। घटना स्थल पर मौजूद जयराम के पोते देवेंद्र ने बताया कि दादा का अंतिम संस्कार किया जा रहा था, तभी अचानक तेज आवाज आई और गैलरी की छत गिर गई। इसमें कई लोग बद गए और लोगों की मौत हो गई। इसमें मेरे चाचा चाचा की भी मौत हो गई। जबकि एक चचेरा भाई मलबे के नीचे दबा हुआ है। वहीं मेरे पिता भी इस हादसे में गंभीर रुप से घायल हो गए।
 

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वहीं इस हादसे के एक और चश्मदीद सुशील कुमार ने बताया कि मलबे के नीचे दबे लोगों की हालत देखकर हर किसी के रौंगटे खड़े हो गए। किसी हाथ नजर आ रहा था तो किसी का सिर। जब उनको निकालकर देखा तो वह कट-फट चुके थे। जिस किसी ने भी यह भयानक मंजर देखा वह कांप गया। हादसे के बाद जो भी वहां पहुंचा उसकी सांसें थम सी गईं।

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मुरादनगर के श्मशान घाट की जिस गैलरी की छत गिरने से यह दर्दनाक हादसा हुआ है, बताया जा रहा है कि वह ढाई माह पहले ही बनाई गई थी। ऐसे में प्रशासन पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। आखिर इस हादसे के लिए कौन जिम्मेदार है। इसमें खराब गुणवत्ता के सामान का इस्तेमाल किया गया था। 
 

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जैसे ही इस हादसे के बारे में महिलाओं को पता चला तो वह श्मशान घाट पहुंच गईं। वह  रोती-बिलखती अपनों को खोज रही थीं। वह लोगों से पूछे जा रहीं थी भैया इनको देखा है..उनको देखा है। शुरू में लोगों को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि किससे क्या बोलें। कौन किसका नाम या हाल चाल पूछ रहा है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मरने वालों के आश्रितों को दो-दो लाख रुपए की आर्थिक मदद देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही मंडलायुक्त मेरठ और एडीजी मेरठ जोन से घटना की रिपोर्ट मांगी है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद में छत गिरने की घटना का संज्ञान लिया। उन्होंने जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को तत्काल मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं। सीएम योगी ने कहा कि घटना से प्रभावित व्यक्तियों को हर सम्भव मदद पहुंचाई जाए, साथ ही हादसे में घायल लोगों के इलाज की व्यवस्था की जाए।

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