Dev deepawali 2022: लाखों दीयों से रोशन हुई शिव की नगरी, उत्सवजीवी काशी में दीपों से हुआ मां गंगा का श्रृंगार

बाबा विश्वनाथ की नगरी बनारस। 'सात वार-नौ त्योहार' का शहर बनारस। जिंदा शहर बनारस। दुनिया की सबसे प्राचीनतम शहरों में एक 'काशी' न जाने कितने नामों और उपमाओं से जानी जाती है। उत्सवधर्मी शहर बनारस में त्योहारों पर उत्साह के अनेक रंग भी देखने को मिलते हैं। सोमवार को काशी में देवताओं की दीपावली पर यह उत्सवधर्मिता देखने को मिली। देव दीपावली पर पूरा काशी हर्षित-प्रफुल्लित और अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए दीयों को प्रज्जवलित कर रहा था। काशी ने अपने देवों का देवदीपावली पर हजारों दीयों की रोशनी के बीच स्वागत किया। बनारस के सभी 84 घाट दीयों की रोशनी से जगमग थे। काशी सहित इन घाटों को दस लाख से अधिक दीयों से रोशन किया गया था। बनारसी लोग पूरे उत्साह और जोश के साथ घाटों पर पहुंच देव दीपावली महापर्व को मनाने के लिए दीप प्रज्जवलित किया। आईए तस्वीरों में देखें परंपराओं को जीवंत रखने वाली काशी की देव दीपावली...

Dheerendra Gopal | Published : Nov 7, 2022 6:01 PM IST
18
Dev deepawali 2022: लाखों दीयों से रोशन हुई शिव की नगरी, उत्सवजीवी काशी में दीपों से हुआ मां गंगा का श्रृंगार

जीवंत शहर बनारस में देव दीपावली की तैयारी काफी दिनों से चल रही थी। देव दीपावली को लेकर जिला प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्तैद दिखाई दिया। घाटों पर दीपों के साथ-साथ आकर्षक करने वाली रंगोली हाथों के किनारे इमारतों को दुल्हन की तरह सजाया गया। घाटों के साथ-साथ काशी के प्रमुख मंदिर चौराहे और पर्यटकों के स्वागत के लिए एयरपोर्ट रेलवे स्टेशन और बस अड्डे को भी भव्य तरीके से सजाया गया था। 

28

शाम को हजारों की भीड़ मां गंगा के तट पर उमड़ी। दोपहर से ही लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। घाटों के तटों व सीढ़ियों पर पहले से भी लोग खचाखच भरे हुए थे। ये लोग दीप प्रज्जवलित करने पहुंचे थे। घाटों पर कहीं स्वास्तिक तो कहीं ऊं नम: शिवाय तो कहीं हर-हर महादेव के स्लोगन दीपों की अल्पनाओं में प्रज्ज्वलित हुए।

38

पंचगंगा घाट पर हजारों दीये प्रज्जवलित किए गए। गंगा के किनारे साढ़े सात किलोमीटर का तट दीयों की रोशनी से जगमग हो उठा। अर्धचंद्राकार घाटों पर दीयें ऐसे लग रहे थे मानों मां गंगा की गोद में चांद उतर आया है। शहर से लेकर गांव और पंचक्रोशी का परिक्रमा पथ हजारों दीये जलाए गए। 
 

48

काशी का कोई सरोवर, तालाब, कुंड या मंदिर नहीं बचा जो दीयों की रोशनी से जगमग न हो उठा हो। विदेशी पर्यटकों के लिए तो यह अलौकिक पल था।

58

काशी के घाटों पर लाखों दीपों को प्रज्जवलित करने के साथ श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए लेजर शो और आकर्षक आतिशबाजी भी की गई। देव दीपावली पर इस बार अमृत महोत्सव की भी झलक देखी गई। 

68

लेजर शो के माध्यम से काशी के महापुरुषों को भी याद किया गया। बाबा विश्वनाथ का दरबार 80 हजार फूलों से सजाया गया है जिससे बाबा के दरबार की खुशबू दूर-दूर तक पहुंचे।

78

काशी की देव दीपावली पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इसको देखने के लिए विदेशी पर्यटक बड़ी तादाद में आते हैं। काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। देव दीपावली पर बनारस के होटल, गेस्ट हाउस, क्रूज आदि कहीं भी ठहरने की जगह नहीं थी। सब पहले ही फुल हो चुके थे।
 

88

देव दीपावली पर बनारस के होटल, गेस्ट हाउस, क्रूज आदि कहीं भी ठहरने की जगह नहीं थी। सब पहले ही फुल हो चुके थे।
 

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos