30 लाख फिरौती लेने के बाद भी अपहृत लैब टेक्नीशियन की हत्या, मार कर शव नदी में फेंका; दोस्तों ने रची थी साजिश

कानपुर(Uttar Pradesh). यूपी के कानपुर के बर्रा से अपहृत लैब टेक्नीशियन के अपहरण मामले में गुरुवार देर रात बुरी खबरआई। पुलिस के अनुसार अपहरणकर्ताओं ने युवक की हत्या कर दी है। हांलाकि पुलिस अभी भी युवक की लाश की बरामदगी नहीं कर सकी है। पुलिस ने लैब टेक्नीशियन संजीत के दो दोस्तों के साथ ही 5 लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस के मुताबिक उन्होंने बताया है कि उन्होंने संजीत को मारकर लाश पांडु नदी में फेंक दिया है। बदमाशों के बताने के आधार पर पुलिस नदी में शव को तलाश रही है। पुलिस उधर युवक की मौत की सूचना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
 

Asianet News Hindi | Published : Jul 24, 2020 5:52 AM IST / Updated: Jul 24 2020, 12:12 PM IST
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30 लाख फिरौती लेने के बाद भी अपहृत लैब टेक्नीशियन की हत्या, मार कर शव नदी में फेंका; दोस्तों ने रची थी साजिश

बता दें बीते 22 जून को कानपुर के बर्रा थाना क्षेत्र में रहने वाले लैब टेक्नीशियन संजीत यादव लापता हो गया था। वह लैब से घर आने के लिए शाम तकरीबन 7 बजे निकला था लेकिन घर नहीं पहुंचा। जिसके बाद परिजनों ने बर्रा थाने में 23 जून को गुमशुदगी दर्ज कराई। लेकिन पुलिस ने इस मामले में कुछ खास फोकस नहीं किया। फिर 29 जून को फिरौती की काल आई और परिजनों से संजीत को छोड़ने के एवज में 30 लाख मांगे। फिरौती की काल आने के बाद परिजनों के होश उड़ गए।
 

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पान की गुमटी से परिवार का गुजर-बसर करने वाले संजीत के पिता चमन लाल ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने नंबर नोट करने के बाद उन्हें हिदायत दी कि जब भी अपहरणकर्ता का फोन आए तो वह लंबी बात करें लेकिन बर्रा थाना पुलिस और सर्विलांस सेल कॉल को ट्रेस कर अपहरणकर्ता की लोकेशन का पता नहीं लगा पाई। अपहरणकर्ता लगातार 30 लाख की फिरौती न देने पर युवक की हत्या करने की धमकी दे रहे थे।
 

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फिर कानपुर के बर्रा थाने की पुलिस ने फ़िल्मी स्टाइल में एक प्लान बनाया, उन्होंने संजीत के पिता से फिरौती की रकम जुटाने को कहा। पुलिस की कहानी थी कि वह जैसे ही बदमाश फिरौती की रकम लेने आएंगे पहले से ही सादे ड्रेस में जाल बिछाए पुलिस उन्हें पकड़ लेगी।

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संजीत के पिता चमन लाल ने अपना घर और बेटी की शादी के लिए बनवाए गए गहने बेच कर रकम की व्यवस्था की। लेकिन बदमाश पुलिस से ज्यादा होशियार निकले। उन्होंने घंटों तक चमनलाला को इधर-उधर दौड़ाया उसके बाद एक ओवरब्रिज से पैसे से भरा थैला नीचे फेंकने को कहा। चमन लाल ने थैला नीचे फेंका तो बदमाश उसे लेकर चम्पत हो गए , और पुलिस ख़ाक छानती रह गई।
 

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तब से पुलिस की कार्यशैली पर लगातार सवाल उठ रहे थे। बीते गुरूवार देर रात पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर संजीत के 4 दोस्तों को पकड़ा तो पूरा मामला सामने आ गया। क्राइम ब्रांच और सर्विलांस सेल की टीम ने संजीत के साथ अन्य पैथोलॉजी में काम कर चुके उसके कुछ पुराने परिचितों को पकड़ा है। इनके द्वारा कबूला गया है कि इन्होने ही संजीत का अपहरण किया था। संजीत ने 26 जून को इनके चंगुल से भागने का प्रयास किया था जिसके बाद उसकी गला दबाकर हत्या कर पांडु नदी में शव को बहा दिया था।
 

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पुलिस ने इनकी निशानदेही पर संजीत की बाइक भी तात्या टोपे नगर तिराहे के पास से झाड़ियों से बरामद कर लिया है। पुलिस ने वो घर भी ढूढ़ निकाला है जहां संजीत को बंधक बनाकर रखा गया था और उसकी हत्या की गई थी। बदमाशों ने वो मकान 15000 रूपए प्रति माह किराए पर लिया था।

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संजीत यादव के शव को ढूंढने के लिए गोताखोरों की टीम पांडु नदी में सर्च ऑपरेशन चला रही है, फिलहाल अभी तक संजीत का शव बरामद नहीं किया जा सका है।
 

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