उन्होंने कहा कि विकास दुबे ने पहले पुलिसवालों को निर्ममता से गोलियों से भूना उसके बाद सीओ का पैर कटवाया फिर सभी को इकट्ठा कर जलाने की तैयारी कर रहा था। हो सकता है कि उस समय तक कई लोग जिंदा रहे हों, या फिर उसकी इस क्रूर सोच की आग में वो भी झुलसते जो पुलिसवाले वहां घायल थे, ऐसे में आप विकास दुबे की मौत के बाद उसे हीरो कैसे बना सकते हैं। इतनी क्रूर सोच वाला इन्सान हीरो कैसे हो सकता है ।