लखनऊ(Uttar Pradesh). हर बाप का सपना होता है कि उसका बेटा पढ़-लिखकर एक बड़ा आदमी बने। बेटे को कामयाब बनाने के लिए हर पिता जी-तोड़ मेहनत करता है। न तो उसे खुद की जरूरतों की फ़िक्र होती है और न ही अपने लिए किसी सुख-सुविधा की चाहत। बस एक ही जूनून होता है कि उसका बेटा काबिल आदमी बने। फादर्स डे स्पेशल स्टोरीज में आज हम आपको एक ऐसे ही पिता के बारे में बताने जा रहे हैं , जिसका संघर्ष एक मिसाल बन गया है। यूपी के वाराणसी में रिक्शा चलाने वाले नारायण जायसवाल ने लंबे संघर्ष के बाद अपने बेटे को IAS बनाया। नारायण जायसवाल ने दिन-रात मेहनत कर आखिरकार बेटे को उस मुकाम तक पहुंचा दिया जो उनका शुरू से ही सपना रहा था।