पुलिस भर्ती की दौड़ पूरी करते ही इस लड़की की मौत, बाहर खुशखबरी का इंतजार कर रहा था पिता

बरेली (Uttar Pradesh). यूपी के बरेली में पुलिस भर्ती दौड़ में हिस्सा लेने आई एक लड़की की ग्राउंड पर मौत हो गई। वह अपने पिता के साथ दौड़ में शामिल होने आई थी। पिता बाहर उसकी सफलता का इंतजार कर रहे थे। इस बीच उन्हें बेटी की मौत की खबर दी गई। युवती की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उसकी मौत का खुलासा हुआ।

Asianet News Hindi | Published : Jan 16, 2020 9:34 AM IST / Updated: Jan 16 2020, 03:14 PM IST

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पुलिस भर्ती की दौड़ पूरी करते ही इस लड़की की मौत, बाहर खुशखबरी का इंतजार कर रहा था पिता
बागपत के फजलपुर सुंदर नगर की रहने वाली अंशिका सिंह आरक्षी भर्ती के लिए हो रही शारीरिक दक्षता परीक्षा में शामिल होने बरेली आई थी। पीएसी ग्राउंड में 14 मिनट में छह राउंड लगाकर 2.4 किलोमीटर की दौड़ पूरी करनी थी। अंशिका ने यह दौड़ 13 मिनट और कुछ सेकेंड में पूरी कर ली। लेकिन दौड़ पूरी करने के बाद वो रेसिंग ट्रैक पर बेसुध होकर गिर गई। अफसरों ने जाकर देखा तो उसकी सांसें बंद हो चुकी थी।
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सूचना पर एसपी ग्रामीण संसार सिंह, एसपी सिटी, पीएसी कमांडेंट विकास कुमार वैद्य, कमलेश बहादुर समेत अन्य अधिकारी पहुंचे। युवती को जिला अस्पताल ले जाया गया। परेड ग्राउंड के बाहर बेटी का इंतजार कर रहे पिता रामवीर भी अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें अंशिका के मौत की सूचना दी।
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अफसरों ने रामवीर से कहा, अंशिका ने दौड़ पूरी कर ली थी। लेकिन अचानक बेहोश होकर गिर गई। वहीं, बेटी की मौत की खबर सुनकर रामवीर वहीं बेहोश होकर गिर गए। कुछ देर बाद होश में आने पर वो बार बर बेटी का चेहरा छूकर फूट फूटकर रोते रहे। उन्होंने बताया, अंशिका उनकी सबसे बड़ी थी, उससे 2 छोटे भाई हैं। बड़े अरमान थे बेटी की नौकरी लग जाएगी तो घर की माली हालत ठीक हो जाएगी। मेरा भी सीना गर्व से चौड़ा होता।
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पोस्टमार्टम में अंशिका की मौत कार्डियक अरेस्ट से होने की पुष्टि हुई है। जिला अस्पताल के पूर्व हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. वीपी भारद्वाज ने बताया, इस तरह की मौत कार्डियक अरेस्ट से ही होती है। इसकी दो कंडीशन होती है। वेसोवेगल शॉक या वेंट्रिकुलर फिब्रिलेशन। वेसोवेगल शॉक में शरीर पर तनाव काफी बढ़ जाता है और हृदय की मांसपेशियां अलग-अलग धड़कने लगती हैं।
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इसी तरह वेंट्रिकुलर फिब्रिलेशन में नसों में खून के थक्के जम जाते हैं। तुरंत सीपीआर देने से सांस तो आ जाती है लेकिन खून के जमे हुए थक्के हृदय में पहुंचने की वजह से धड़कन नहीं लौटती। इन दोनों ही वजह से कार्डियक अरेस्ट होता है और मौत हो जाती है। इसका एक अन्य कारण एयरोटिक वॉल्व में सिकुड़न होना भी होता है। ज्यादा मेहनत करने पर कोरोनरी आर्टिलरी का ब्लड हार्ट खींच लेता है। वह ब्लड एओरटा नली में आ जाता है। इससे भी हार्ट काम करना बंद कर देता है।
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