राम मंदिर की नींव में 200 फिट नीचे टाइम कैप्सूल रखे जाने की अफवाह, ट्रस्ट के महासचिव ने बताया सच

अयोध्या(Uttar Pradesh). कई दशकों से राम भक्तों के लिए बहुप्रतीक्षित अयोध्या का राम मंदिर अब बनने जा रहा है। आने वाले 5 अगस्त को पीएम मोदी राम मंदिर का भूमि पूजन करेंगे। इसके लिए अयोध्या में तैयारियां जोरों पर हैं। राम मंदिर की तैयारियों के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सभी पदाधिकारी जोरों से लगे हुए हैं। वहीं सीएम योगी ने एक दिन पूर्व ही अयोध्या दौरे के दौरान तमाम जरूरी दिशानिर्देश प्रशासनिक अफसरों को दिए हैं। अब खबर ये भी है कि राम मंदिर की नींव में तकरीबन 200 फिट नीचे एक टाइम कैप्सूल डाला जाएगा। जिसमें मंदिर के संदर्भ में पूरा इतिहास दर्ज होगा, बताया जा रहा है कि ये टाइम कैप्सूल लम्बे समय तक सुरक्षित रह सकता है। हांलाकि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इसे खारिज करते हुए कहा है कि इस तरह की फिलहाल कोई बात नहीं। लेकिन सूत्रों की माने तो नीव में  मंदिर का इतिहास लिखा एक ताम्र पत्र रखे जाने की बात सामने आ रही है।
 

Asianet News Hindi | Published : Jul 28, 2020 10:26 AM IST / Updated: Jul 28 2020, 04:46 PM IST

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राम मंदिर की नींव में 200 फिट नीचे टाइम कैप्सूल रखे जाने की अफवाह, ट्रस्ट के महासचिव ने बताया सच

मंदिर से जुड़े लोगों की मानें तो यह टाइम कैप्सूल मंदिर की नींव में 200 फीट नीचे डाला जाएगा। इसे काल पत्र भी कहा जाता है। इस काल पत्र में जो जानकारी डाली जाएगी, उसे ताम्र पत्र पर लिखकर डाला जाएगा। हांलाकि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मीडिया से बातचीत में इस बात को खारिज कर दिया था और अभी नींव की गहराई के बारे में कुछ भी बोलने से मना किया था । 

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टाइम कैप्सूल धातु के एक कंटेनर की तरह होता है, जिसे विशिष्ट तरीके से बनाया जाता है। टाइम कैप्सूल हर तरह के मौसम और हर तरह की परिस्थितियों में खुद को सुरक्षित रखने में सक्षम होता है। उसे जमीन के अंदर काफी गहराई में रखा जाता है। काफी गहराई में होने के बावजूद भी न तो उसको कोई नुकसान पहुंचता है, और ना ही वह सड़ता-गलता है। 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर का शिलान्यास और भूमि पूजन करेंगे। अयोध्या नगरी को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भूमि पूजन के दौरान मंदिर के गर्भग्रह में चांदी की पांच शिला भी रखेंगे। चालीस किलो वजन की इन शिलाओं के नाम नंदा, भद्रा, जया, रिक्ता और पूर्ना हैं। भूमि पूजन के लिए नदियों का जल और तीर्थस्थलों की  मिट्टी लाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है।
 

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राम जन्मभूमि में 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों से होने वाले भूमि पूजन के कार्यक्रम में देश के विभिन्न क्षेत्रों की दिग्गज 50 हस्तियां भी सम्मिलित होंगी। इसके अलावा बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा सहित सनातन धर्मावलम्बी जैन व सिख धर्मगुरु भी शामिल होंगे। भोपाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी की बैठक में विभिन्न आनुषंगिक संगठनों के राष्ट्रीय पदाधिकारियों को अलग-अलग क्षेत्र की हस्तियों से सम्पर्क की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। 
 

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 संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य व प्रचारक इन्द्रेश को सनातन परम्परा के शीर्षस्थ धर्मगुरुओं से सम्पर्क कर उनकी उपस्थिति सुनिश्चित कराने का दायित्व दिया गया है। वह  बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा से लेकर मुस्लिम धर्मगुरुओं के सम्पर्क में पहले भी रहकर राम जन्मभूमि का प्रमाणिक पक्ष उन्हें समझा रहे थे।
 

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