औरैया हादसे में घायल मजदूर ने बताया मौत का किस्साः सोते समय लगा एक झटका और हर तरफ बिखर गई लाशें

औरेया (Uttar Pradesh).  यूपी के औरैया में डीसीएम और ट्रक की टक्कर से हुए हादसे में अब तक 24 प्रवासी मजदूरों की मौत हो चुकी है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने आईजी कानपुर मोहित अग्रवाल को इस दुर्घटना के कारणों पर तत्काल एक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है, जिन्होंने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। मौत के इस सफर में घायल होने वाले तीन मजदूरों ने बातचीत के दौरान बताया कि हादसा कितना भयावह था। हाईवे पर उनकी डीसीएम खड़ी थी। उसी दौरान काल बनकर आए ट्रक ने पीछे से डीसीएम में टक्कर मार दी। 

Asianet News Hindi | Published : May 16, 2020 8:05 AM IST

18
औरैया हादसे में घायल मजदूर ने बताया मौत का किस्साः सोते समय लगा एक झटका और हर तरफ बिखर गई लाशें

यूपी के औरैया में शनिवार तड़के भीषण सड़क हादसे ने लोगों के दिलों को झकझोर कर रख दिया है। फरीदाबाद से 81 मजदूरों को लेकर आ रहे खड़े डीसीएम में चूने से लदे ट्रक ने टक्कर मार दी। इस हादसे में 24 मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 35 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को सैफई मेडिकल कालेज व कानपुर के हैलट में रिफर किया गया है। जहां उनका इलाज चल रहा है अभी भी आधा दर्जन मजदूरों की हालात गम्भीर बताई जा रही है।
 

28

छपरा बिहार के रहने वाले गोविंदराम ने बताया कि हम लोग डीसीएम में ही थे। हाईवे पर एक ढाबे के पास गाड़ी रुकी थी। कुछ लोग ढ़ाबे पर उतर कर चाय पी रहे थे ।  ज्यादातर लोग डीसीएम में ही थे। डीसीएम में मौजूद सभी मजदूर नींद की हालत में थे, तभी पीछे से एक जोरदार टक्कर लगी। धमाके के साथ आवाज हुई। कई लोगों को पता भी नहीं चल पाया कि क्या हुआ। 
 

38

गोविंदराम ने बताया कि गाड़ी में जितने भी लोग थे उछल कर दूर जा गिरे . कुछ उसके नीचे ही दब गए। वह भी झटके के साथ उछल कर दूर जा गिरा। कुछ क्षण तो उसे होश ही नही रहा कि आखिर हुआ क्या? लेकिन कुछ देर बाद जब वह संभला तो उसने देखा हर तरफ चीख पुकार मची हुई है। 

48

गोविंद ने बताया लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे। लेकिन रात के सन्नाटे में कोई भी कुछ सुनने वाला नही था। ढ़ाबे पर चाय पी रहे लोग सुरक्षित थे वो फंसे हुए लोगों को बाहर निकाल रहे थे। उस समय का मंजर देखकर रूह कांप जा रही थी। 

58

हादसे में घायल हुई बिहार की ही रहने वाली क्रांति देवी ने बताया कि वह डीसीएम में अपने बच्चे के साथ सो रही थी। अचानक तेज धमाका हुआ और चीख पुकार मच गई। अंधेरे में उनका बच्चा भी उनसे छूट गया था। हांलाकि ये भगवान का शुक्र है कि वह सही सलामत था और डीसीएम में ही फंसा था। जब लोगों ने उन्हें निकाला तब जान में जान आई। 
 

68

क्रांति देवी ने बताया कि वह कुछ समझ ही नहीं पाई कि आखिर क्या हुआ और कैसे हुआ . लेकिन चीख-पुकार की आवाज बेहद डरावनी लग रही थी । लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे। लेकिन उनकी मदद करने वाला कोई नही था। चूने के ढेर में लोग दबे हुए थे। किसी का हांथ दिख रहा था तो किसी का सिर। 

78

जब पुलिस और बचाव दल आया तब उन लोगों को बाहर निकाला जा सका। लेकिन तब तक कई लोग मर चुके थे। कई दर्द से कराह रहे थे। कुछ तो बदहवास से हो गए थे समझ ही नही आ रहा था कि उन्हें क्या हो गया है। 
 

88

हादसे में घायल कानपुर के अस्पताल में भर्ती मजदूर रामसजीवन ने बताया कि हादसा बेहद भयावह था। वह जग रहा था और चाय पी पर डीसीएम में आया ही था, उसी समय पीछे से एक गाड़ी की लाइट दिखाई पड़ी लेकिन हाईवे पर तमाम गाडियां चल रही थी। लेकिन कुछ समझ आता इसके पहले ही पीछे से ट्रक ने जोरदार टक्कर मारी। एक धमाका सा हुआ और गाड़ी पलट गई। उसी में मेरा सिर भी फट गया। लेकिन ईश्वर की कृपा है कि हम ज़िंदा हैं। अंधेरा होने की वजह से हमे मदद मिलने में कुछ देरी हुई अन्यथा कई लोग जिंदा बचाए जा सकते थे। 
 

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos