कोई तो हमारे भागवत को रोक लो...मां बाप बहन के बाद जब उठी 10 साल के बेटे की अर्थी

शामली (Uttar Pradesh). यूपी के शामली में इंटरनेशनल भजन गायक, पत्नी और बेटी के अंतिम संस्कार के बाद गुरुवार शाम जब बेटे का शव घर पहुंचा तो हर किसी की आंखें नम हो गई। अंतिम संस्कार के लिए जब उसकी अर्थी उठी तो महिलाओं की जुबां पर बस एक ही शब्द था- भागवत कहां चल दिया, कोई तो हमारे भागवत को रोक लो, इसे कहीं ना जाने दो..।

Asianet News Hindi | Published : Jan 3, 2020 6:27 AM IST
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कोई तो हमारे भागवत को रोक लो...मां बाप बहन के बाद जब उठी 10 साल के बेटे की अर्थी
भागवत का शव पानीपत से बरामद किया गया था। इस वजह से उसे पोस्टमॉर्टम के लिए रोहतक भेजा गया था। जिस कारण भागवत के पिता अजय पाठक, मां स्नेहा और बहन वसुंधरा का बुधवार देर शाम अंतिम संस्कार कर दिया गया था।
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रेलवे लाइन के पास टंकी रोड स्थित श्मशान घाट में एक चिता पर पति-पत्नी और दूसरी पर बेटी की चिता एक साथ जली। अजय के भतीजे रवि पाठक ने दोनों चिताओं को मुखाग्नि दी।
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घटना आदर्श मंडी थानाक्षेत्र के सिटी एरिया के पॉश इलाके पंजाबी कॉलोनी की है। यहां रहने वाले इंटरनेशनल भजन गायक अजय पाठक, पत्नी स्नेहा, बेटी वसुंधरा और बेटे भागवत (10) की बुधवार तड़के हत्या कर दी गई थी।
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पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए हत्यारोपी हिमांशु सैनी को हरियाणा के पानीपत से गिरफ्तार कर लिया है। वह झारखेडी थाना कैराना का रहने वाला है।
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पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में हिमांशु ने कहा, करीब 2 ढाई साल से मैं अजय पाठक की भजन मंडली में काम कर रहा था। इस वजह से उनके घर आना-जाना लगा रहता था। कभी कभी रात में उन्हीं के घर पर रुक जाया करता था। मैंने अजय को छोटी-छोटी धनराशि के रूप में करीब 60 हजार रुपए उधार दे रखे थे।वापस मांगने पर पैसा नहीं दे रहे थे। बार-बार बोलने पर अपमानित भी करते थे।
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पूछताछ में हिमांशु ने कहा, 30 दिसबंर की रात भी मैंने पैसे की मांग की, तो अजय ने अपशब्द कहते हुए डांट दिया। इससे क्षुब्ध होकर मैं उन्हीं के घर पर रुक गया। रात 3 बजे के बााद घर में रखी तलवार से पूरे परिवार का नरसंहार कर दिया। इसके बाद अजय के बेटे भागवत को पानीपत ले जाकर कार में रखकर आग लगा दिया था। बता दें, पुलिस ने आरोपी के पास से हत्या में इस्तेमाल तलवार, तीन मोबाइल और खून से लथपथ कपड़े बरामद कर लिया है।
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हिमांशु ने पूछताछ में कहा, मुझे पता चला था कि 31 दिसंबर की सुबह अजय परिवार के साथ करनाल जाने वाले हैं। इसलिए उससे पहले ही साजिश को अंजाम देने का मन बनाया। खाना खाने के बाद सभी सोने चले गए। रात करीब 3 बजे के बाद मैं उठा। पहली मंजिल पर बने कमरे में गया और वहां रखी तलवार से अजय पर कई वार कर उसकी हत्या कर दी। इस दौरान दवाई खाकर सो रही उनकी पत्नी स्नेहा जग गई। जिसके बाद मैंने उसे भी तलवार से मौत के घट उतार दिया।
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हिमांशु ने पूछताछ में कहा, अजय पाठक, पत्नी स्नेहा दोनों की हत्या के बाद मुझे शक था कि कहीं बच्चे मेरी पोल न खोल दें। इसी डर से मैं तुरंत दूसरे कमरे में सो रही वसुंधरा के पास गया और उसे भी तलवार से मार डाला। इस बीच बेटा भागवत जग गया। जिसपर मैंने उसे गला दबाकर मार दिया। इसके बाद चारों शवों को कहीं ले जाकर ठिकाने लगाने की सोचा।
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हिमांशु ने कहा, मैं एक एक कर शवों को ठिकाने लगाने के लिए ले जाने लगा। पहले भागवत को अजय की ईको स्पोर्ट कार में लादा और घर के बाहर ताला लगा ठिकाने लगाने निकल गया। लेकिन पुलिस को जानकारी हो जाने के कारण मैं डर गया।
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पकड़े जाने की डर से साक्ष्य मिटाने के लिए पानीपत टोल प्लाजा के पास ईको स्पोर्स्ट में पेट्रोल डालकर आग लगा दी, जिससे भागवत का शव आधा जल गया था। सभी को ठिकाने लगाने के बाद मैंने अजय की तिजोरी पर हाथ साफ करने का प्लान बनाया था।
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बीजेपी विधायक तेजेंद्र निर्वाल ने कहा, यह हत्याकांड इतना दुखद है कि उसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। पूरे परिवार की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई। पाठक परिवार धार्मिक, सात्विक और संस्कारित परिवार है, जो खुद तो धर्म के मार्ग पर चल रहा था। मेरी सीएम योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात हुई है। मैंने सीएम से इस केस को फास्ट ट्रैक में चलाए जाने की मांग की है, ताकि जो भी अपराधी है, उसे जल्द से जल्द सजा मिल सके।
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