तीसरे दिन विकास के एक करीबी और नगर पालिका के पदाधिकारी ने सिल्वर कलर की हुंडई कार से अमर, अतुल के साथ उसे कानपुर से बाहर भेज दिया। विकास के मुताबिक वह नोएडा के रास्ते सीधे दिल्ली गया और वहां वकीलों से बात की, वकीलों ने उसे सरेंडर होने की सलाह दी और सरेंडर करवाने के एवज में 50 हजार रूपए एडवांस में मांगे।