Published : Feb 13, 2020, 12:04 PM ISTUpdated : Feb 13, 2020, 12:16 PM IST
वाराणसी (Uttar Pradesh)। भगवान शिव के तीन ज्योर्तिलिंगों को जोड़ने वाली देश की तीसरी कॉरपोरेट ट्रेन का नाम काशी महाकाल एक्सप्रेस है, जो चलने को तैयार है। पूरी संभावना है कि इस ट्रेन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 फरवरी को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से ही हरी झंडी दिखाकर रवाना कर सकते हैं। बता दें कि ये ट्रेन वाराणसी में बाबा विश्वनाथ, उज्जैन में महाकालेश्वर और इंदौर में ओंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग के श्रद्धालुओं को दर्शन कराएगी। ट्रेन की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं हैं,जिसके माध्यम से हम आपको आज इस ट्रेन की कुछ विशेषताएं बता रहे हैं।
सप्ताह में तीन दिन इंदौर से वाराणसी के बीच चलने वाली इस वातानुकूलित ट्रेन में यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधायें उपलब्ध होंगी। एक दिन ये ट्रेन वाराणसी से इलाहाबाद और कानपुर होकर चलेगी, जबकि दो दिन ये ट्रेन वाराणसी से लखनऊ और फिर कानपुर होकर चलेगी।
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इस ट्रेन में 18 डिब्बों होंगे, जिसमे 15 डिब्बे मुसाफिरों के लिए 3rd एसी स्लीपर एलएचबी कोच होंगे। ट्रेन में तत्काल टिकट की व्यवस्था नहीं होगी। ट्रेन में सिर्फ जनरल और विदेशी पर्यटकों का कोटा होगा। ट्रेन आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर ऑनलाइन बुक होगी।
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ट्रेन में साइड लोअर सीट में अक्सर दिक्कत होती थी। इस कारण लेटने में दिक्कत होती थी। इसके लिए अलग से एक सीट दी गई है, जिसे लेटते वक्त आप डाल सकते हैं। हर सीट पर चार्जिंग प्वाइंट है, कॉमन लाइट के साथ हर सीट पर एक लाइट दी गई है, ताकि रात में लाइट जलाने पर दूसरे मुसाफिरों को दिक्कत न हो।
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ट्रेन में वॉशरूम व्यवस्था होगी। इसमें बच्चे के लिए वॉशबेसिन के बगल में डाइपर बदलने और बच्चे के बैठने के लिए प्लास्टिक का बॉक्सनुमा बेबी पॉट बनाया गया है।
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ट्रेन में सुरक्षा के लिहाज से एक कोच में छह कैमरे लगाए गए हैं, जिससे मानिटरिंग होती रहेगी। यही नहीं, कोच के दोनो एंट्री प्वाइंट पर एलईडी स्क्रीन और दो स्पीकर लगाए गए हैं। इसके जरिए यात्रियों को उनके मंजिल की जानकारी अनाउसमेंट और एलईडी स्क्रीन पर मिल जाएगी।