हिंदू-मुस्लिम को बांटने की कोशिश कर रहे राजनीति करने वाले
इस मामले में अयोध्या के मुस्लिम पक्षकारों के अपने तर्क हैं। जिसके मुताबिक ज्ञानवापी परिसर मस्जिद का भाग है और उसके नीचे कभी कोई मंदिर नहीं था। जांच में कोई परेशानी नहीं है। मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि जब तक अयोध्या का मामला रहा, हम बोलते रहे। बनारस में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के लोग क्या कर रहे हैं? उनकी कोई जिम्मेदारी बनती है? मंदिर-मस्जिद के बारे में बोलना उलेमा लोगों का काम है, जो भी धर्म की राजनीति करते हैं, वह दरअसल हिंदू और मुसलमान को बांटने का कार्य करते हैं।