28 साल बाद टेंट से बाहर आएंगे भगवान राम, सूर्य देव की आकृति वाले चांदी के सिंहासन पर होंगे विराजमान
अयोध्या (Uttar Pradesh) । अयोध्या में रामलला का रामलला का अस्थाई मंदिर तैयार है। भव्य राममंदिर निर्माण के प्रथम चरण का अनुष्ठान नवरात्र के पहले दिन सुबह सात बजे के पहले पूरा हो जाएगा। रामलला चारों भाइयों भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न और हनुमान जी के साथ अस्थाई मंदिर में 9 किलो 500 ग्राम चांदी से निर्मित सिंहासन पर विराजमान होंगे। बता दें कि रामलला बीते 28 सालों से टेंट में विराजमान थे। कोरोना से बचाव के चलते रामनगरी आने पर लगी रोक से प्रशासन ने भक्तों को घर पर ही लाइव दर्शन कराने की रणनीति बनाई है।
Ankur Shukla | Published : Mar 24, 2020 2:23 PM IST / Updated: Mar 25 2020, 08:20 AM IST
सीएम योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में शंखनाद व घंटे-घड़ियाल के बीच भोर में तीन बजे चार पात्रों में फूल व अक्षत के बीच रामलला समेत चारों भाइयों की पालकी 28 साल बाद टेंट से निकलकर नए मंदिर के लिए हनुमानलला के साथ प्रस्थान करेगी। भक्तिभाव के बीच घंटे-घड़ियाल व शंखध्वनि के बीच यात्रा निकलेगी।
भोर में तीन बजे रामलला को नए मंदिर में राजा अयोध्या बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र की ओर से भेंट किए गए चांदी के 9 किलो 500 ग्राम चांदी सिंहासन पर विराजमान किया जाएगा। इसके बाद साढ़े तीन घंटे तक पूजन होगा।
सिंहासन 25 इंच लंबा, 13 इंच चौड़ा एवं 30 इंच ऊंचा यह सिंहासन कलात्मकता की नजीर है। सिंहासन के पृष्ठ पर सूर्य देव की आकृति और दो मोर उत्कीर्ण हैं। सूर्य देव की आकृति यह बयां करने वाली है कि भगवान राम जिस कुल के हैं, वह सूर्यवंशीय है और मोर शुभता के परिचायक हैं।
साढ़े छह बजे भोर की आरती के बाद सात बजे भक्तों के दर्शन के लिए रामलला का नया दरबार व दर्शन मार्ग खोल दिया जाएगा। रामलला को अस्थाई गर्भगृह में विराजमान करने के लिए पालकी यात्रा में अयोध्या के शीर्ष संत, ट्रस्टी समेत कुछ भक्त भी शामिल होंगे। इसकी सूची बन गई है। कुल संख्या करीब 50 बताई जा रही है।
कोरोना से बचाव के चलते रामनगरी आने पर लगी रोक से प्रशासन ने भक्तों को घर पर ही लाइव दर्शन कराने की रणनीति बनाई है। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली से भी कुछ ट्रस्टी खास विमान से अयोध्या आ रहे हैं।