स्पेन की मारिया ने संस्कृत की पढ़ाई के लिए छोड़ी एयर होस्टेस की जॉब,अब यूनिवर्सिटी किया टॉप..पढ़िए सक्सेज स्टोरी

वाराणसी (Uttar Pradesh) । स्पेन की रहने वाली मारिया रूईस ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में स्वर्ण पदक पाकर नया इतिहास रच दिया है। वह मारिया हिंदी, इंग्लिश, जर्मन, स्पेनिश के अलावा संस्कृत भी अच्छी तरह से बोलना जानती हैं। तीन साल पहले वाराणसी आईं और विश्वविद्यालय के शास्त्री पाठ्यक्रम में दाखिला लेकर पढ़ाई शुरू की थी, जो इस बार विश्वविद्यालय में टॉप की हैं और मंगलवार को उन्हें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल गोल्ड मेडल और प्रमाण पत्र सौंपा। ऐसे में हम आपको मारिया रूईस के बारे में बता रहे हैं।

Asianet News Hindi | Published : Mar 3, 2021 7:06 AM IST

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स्पेन की मारिया ने संस्कृत की पढ़ाई के लिए छोड़ी एयर होस्टेस की जॉब,अब यूनिवर्सिटी किया टॉप..पढ़िए सक्सेज स्टोरी

मारिया ने बताया कि वह एयर होस्टेस थीं, लेकिन संस्कृत के प्रति मन में उत्सुकता थी, इस वजह से नौकरी छोड़ दी। मारिया ने सोशल वर्क की पढ़ाई भी की। गुरुकुल ट्रस्ट में रहकर पहले संस्कृत की जानकारी ली फिर विश्वविद्यालय में दाखिला लिया।

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मारिया ने कहा कि काशी आकर मैंने संस्कृत की इस विशेषता को जाना है, अब भाषा की इन विशेषताओं को शिक्षक बनकर समाज तक पहुंचाना ही मेरा सपना है।
 

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बताते चले कि मारिया को मंगलवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गोल्ड मेडल और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया। साथ ही उनकी तारीफ की। उन्होंने कहा कि यह मेडल मात्र एक भाषा और विषय को नहीं, बल्कि इस बात को भी दर्शाता है कि हमारी सभ्यता और संस्कृति आगे बढ़ रही है।
 

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उपाधि मिलने के बाद मारिया ने कहा कि संस्कृत ऐसी भाषा है जिसमें पूरे विश्व का ज्ञान भरा पड़ा है।  इसलिए स्पेन से संस्कृत की शिक्षा के लिए काशी के सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्ववविद्यालय में प्रवेश लिया। गुरुओं के आशीर्वाद से आचार्य की उपाधि मिली है। 
 

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मारिया ने कहा कि अब मैं जीवन भर देव भाषा संस्कृत का प्रचार-प्रचार स्पेन में करूंगी। बता दें कि इस बार सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्ववविद्यालय के 38वें दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय के शताब्दी भवन में 29 मेधावियों को कुल 57 मेडल मिले। आचार्य साहित्य की मीना कुमारी को सबसे ज्यादा 10 स्वर्ण मेडल मिले हैं।

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