आंख में गोली लगने के बावजूद बरसाता रहा गोली, आतंकियों को उल्टे पांव लौटना पड़ा था वापस
आगरा (Uttar Pradesh). जम्मू-कश्मीर में 15 मई 2018 को शहीद हुए जवान देवेंद्र सिंह बघेल को राष्ट्रपति पुरस्कार पुलिस मेडल फोर गैलेंट्री के लिए चुना गया है। गणतंत्र दिवस के मौके पर इसकी घोषणा की गई। बता दें, देवेंद्र आतंकियों की घुसपैठ को नाकाम करते समय शहीद हो गए थे। राष्ट्रपति पुरस्कार मिलने की घोषणा के बाद शहीद के परिवार सहित पूरा गांव गर्व महसूस कर रहा है।
Asianet News Hindi | Published : Jan 29, 2020 6:06 AM IST / Updated: Jan 29 2020, 11:57 AM IST
यूपी के आगरा के लखनपुर गांव में आज भी देवेंद्र सिंह बघेल का परिवार रहता था। वो बीएसएफ के जवान थे। 15 मई 2018 को वो जम्मू कश्मीर के कठुआ सेक्टर में बार्डर पर तैनात थे। इस बीच पाकिस्तान आतंकियों की घुसपैठ करने की तैयारी में था। पाकिस्तानी सेना आतंकियों को कवर फायर दे रही थी।
देवेंद्र दुश्मन के नापाक इरादों को भांप गए थे। उन्होंने गोली का जवाब गोली से दिया। दोनों ओर से गोलियां चल रही थी। इस बीच एक गोली उनकी आंख में लगी। इसके बाद भी उन्होंने अपनी पोजिशन नहीं छोड़ी।
खून लगातार बहता रहा और वो गोलियां बरसाते रहे। जवाबी कार्रवाई की वजह से आतंकियों को भी उल्टे पांव वापस लौटना पड़ा।
वहीं, शहीद को राष्ट्रपति पुरस्कार देने की घोषणा के बाद देवेंद्र का परिवार भावुक हो गया। शहीद की पत्नी पिंकी ने कहा, हमारे लिए ये गर्व का समय है, जो लफ्जों में बयां नहीं कर सकती। परिवार ही नहीं पूरे गांव को उनपर नाज है। उनकी बहादुरी के किस्से हर किसी की जुबां पर है।
देवेंद्र की शहादत के बाद उनकी पत्नी पिंकी को कलक्ट्रेट में कनिष्ठ लिपिक के पद पर नौकरी मिली है। उनके दो बच्चे हैं। बेटा धीरज (3) और बेटी ऋतिका (2) है।