बता दें कि सचिन के अनुसार इस खास चश्मे को बनाने के लिए उसमें नैनो डिवाइस, एडवांस माइक्रो कंट्रोलर, इंफ्रा रे सेंसर, एक छोटा बजर और बैट्री का इस्तेमाल किया गया है। जिसके कारण तीन सेकेंड के लिए अगर चालक को वाहन चलाते वक्त झपकी आती है तो चश्मे में लगा सेंसर एक्टिव हो जाता है। फिर चश्मे में लगा बजर कान के पास बजने लगता है। इसके बाद ड्राइवर की नींद टूट जाती है।