फिल्मी है विजय मिश्रा का सियासी सफर, कभी हेलीकाफ्टर से भागे तो कभी इसलिए बनना पड़ा साधु

भदोही (Uttar Pradesh) । ज्ञानपुर से विधायक विजय मिश्रा को मध्य प्रदेश पुलिस ने आगर मालवा जिले से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार विजय मिश्रा के खिलाफ आपराधिक आरोपों में 73 मुकदमे दर्ज हैं। बता दें कि चार बार के विधायक विजय मिश्रा का सियासी सफर बहुत ही दिलचस्प है। वे इससे पहले भी गिरफ्तार हो चुके हैं। एक बार पुलिस की पकड़ से खुद को बचाने के लिए हेलीकॉप्टर से भागे तो कभी साधु वेश में समर्पण किया था। आज हम विजय मिश्रा के राजनीति में आने से लेकर गिरफ्तार होने तक के बारे में बता रहे हैं।

Asianet News Hindi | Published : Aug 14, 2020 12:04 PM IST / Updated: Jan 21 2021, 12:11 PM IST
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फिल्मी है विजय मिश्रा का सियासी सफर, कभी हेलीकाफ्टर से भागे तो कभी इसलिए बनना पड़ा साधु

प्रयागराज जनपद के सैदाबाद क्षेत्र के खपटीहां गांव में जन्मे विजय मिश्रा ने 1980 में एक पेट्रोल पंप और ट्रक संचालन से अपने कारोबारी जीवन की शुरुआत की थी। 
 

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विजय मिश्रा अक्सर कहते हैं कि उन्हें लोग अनायास ही धमकाते थे। इससे उनका व्यापार प्रभावित होता था। पूर्व मुख्यमंत्री पंडित कमलापति त्रिपाठी के निर्देश पर वह राजनीति में आए।

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विजय मिश्रा नब्बे के दशक में वह ब्लॉक प्रमुख बन गए। इसके बाद भदोही में जिला पंचायत के चुनाव में उनकी हमेशा अच्छी-खासी दखल रही। साथ ही आपराधिक आरोपों में मुकदमों की संख्या भी बढ़ती गई। वर्ष 2001 के लगभग सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव से विजय मिश्रा की करीबी बढ़ी।

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विजय मिश्रा सपा के टिकट से ज्ञानपुर से 2002, 2007 और 2012 का विधानसभा चुनाव जीते। वर्ष 2017 में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने टिकट नहीं दिया तो निषाद पार्टी से ज्ञानपुर विधानसभा का चुनाव जीता। इस बीच उनकी पत्नी रामलली मिश्रा भदोही से जिला पंचायत अध्यक्ष और एमएलसी का चुनाव जीतीं।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विजय मिश्रा ने खुद एक बार बताया था कि वर्ष 2009 फरवरी में भदोही में विधानसभा का उपचुनाव होना था। बसपा के 40 मंत्री भदोही में कैंप किए हुए थे। उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के कहने पर बसपा प्रत्याशी की मदद करने से इनकार कर दिया तो वह नाराज हो गईं।

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मायावती ने विजय मिश्रा को पकड़ने के लिए पुलिस भेजा। इसी दौरान मुलायम सिंह यादव भदोही में सभा कर रहे थे। मंच से जनता को अपनी पत्नी रामलली के सिंदूर का वास्ता देते हुए कहा कि अब उनके सुहाग की रक्षा और सम्मान आप सबके हाथों में ही है। 

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विजय मिश्रा के मुताबिक तब नेताजी ( मुलायम सिंह यादव) ने कहा था कि जिसकी हिम्मत हो पकड़कर दिखाए और फिर वे हमें (विजय मिश्रा) को हेलीकॉप्टर में लेकर चले गए थे। उधर, पुलिस देखती ही रह गई। इसके बाद जुलाई 2010 में बसपा सरकार के मंत्री नंद कुमार नंदी पर प्रयागराज में हुए हमले में विजय मिश्रा का नाम आया।

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वर्ष 2011 में विजय मिश्रा ने दिल्ली स्थित हौज खास में लंबी दाढ़ी और लंबे बालों में साधु वेश में समर्पण किया था। जेल में ही रहकर वर्ष 2012 में वह सपा के टिकट पर ज्ञानपुर से विधानसभा का चुनाव लड़े और फिर विजयी हुए।

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