रजामंदी से मुस्लिम लडका और हिंदू लड़की कर रहे थे शादी, पुलिस ने रोका,परिवार की बात सुन कहा-पहले DM से लो इजाजत

Published : Dec 04, 2020, 08:57 AM ISTUpdated : Dec 04, 2020, 09:07 AM IST

लखनऊ ( Uttar Pradesh) । लव जिहाद को लेकर कानून बनने के बाद पुलिस भी सक्रिय हो गई है। लेकिन बुधवार की देर शाम राजधानी में ही बिना धर्मांतरण किए शादी करने का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया। पुलिस ने आनन-फानन शादी रुकवाई और नए कानून के तहत नियमों का पालन करने के निर्देश दिए। साथ ही ऐसा करने से पहले डीएम से अनुमति लेने को कहा। जिसके बाद युवक व युवती को शादी के लिए डीएम से अनुमति लेने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं, शादी में आए मेहमान भी भोजन कर वापस लौट गए। बता दें कि यह घटना पारा थाना क्षेत्र के नरपत खेड़ा डूडा कालोनी की है। जहां आपसी सहमती से एक हिंदू युवती की मुस्लिम युवक से शादी हो रही थी।

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रजामंदी से मुस्लिम लडका और हिंदू लड़की कर रहे थे शादी, पुलिस ने रोका,परिवार की बात सुन कहा-पहले DM से लो इजाजत


नरपत खेड़ा डूडा कॉलोनी में बगैर धर्म परिवर्तन के 2 दिसंबर की रात एक हिंदू युवती मुस्लिम लड़के से शादी कर रही थी। इसकी जानकारी होते ही हिंदू संगठन के लोग सक्रिय हो गए। उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की।
(प्रतिकात्मक फोटो)

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पुलिस ने भी यूपी में विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन कानून का हवाला देते हुए शादी रोकवा दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दूल्हा बना मुस्लिम युवक ने कह रहा था कि यह शादी लड़की और उसके परिवार की मर्जी से ही हो रही है।
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एडिशनल डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (साउथ लखनऊ) सुरेश चंद्र रावत ने बताया कि शादी रोकवा दी गई है। दोनों पक्षों को इस तरह शादी करने पहले डीएम से धर्म परिवर्तन की अनुमति लेने के लिए कहा गया है।
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बता दें कि यूपी में विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020 को मंजूरी दे दी गई है। इस कानून के लागू होने के बाद छल-कपट व जबरन धर्मांतरण के मामलों में एक से दस वर्ष तक की सजा हो सकती है।
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खास बात यह है कि किसी नाबालिग लड़की या अनुसूचित जाति-जनजाति की महिला का छल से या जबरन धर्मांतरण कराने के मामले में दोषी को तीन से दस वर्ष तक की सजा भुगतनी होगी।
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