Published : Jan 12, 2020, 02:40 PM ISTUpdated : Jan 12, 2020, 03:15 PM IST
अलीगढ़ (Uttar Pradesh) ।इन दिनों इगलास के जैथरा गांव में इच्छाधारी नाग-नागिन के वियोग में मरने की घटना चर्चा का विषय बनी हुई है। गांव के लोगों के मुताबिक नागिन की मौत के दो दिन बाद नाग उसके अवशेष के पास पहुंचा और काफी इंतजार के बाद भी जब नागिन सामने नहीं आई तो उसने भी दम तोड़ दिया। चर्चा है कि दोनों ही इच्छाधारी नाग-नागिन थे। सपेरे ने बताया कि पिछले 20 वर्षों में उसने कभी इस तरह का सर्प नहीं पकड़ा था और न ही देखा था।
आठ जनवरी को इगलास के जैथरा गांव के किसान पवन अग्रवाल के खेत में एक सफेद सांप टहलता हुआ मिला। उसके भगाने पर भी सांप टस से मस नहीं हुआ। इसके बाद पवन अग्रवाल ने दोपहर को सपेरे उमाशंकर को बुलाया। सपेरे ने तो सांप को पकड़ लिया गया। इसके बाद उमाशंकर सांप को पकड़ कर घर ले गया था।
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बताया जाता है कि इसी दौरान नागिन ने सपेरे उमाशंकर की अंगुली में डंस लिया। उमाशंकर ने अन्य सपेरों से जानकारी ली तो पता चला की जिस सांप को वह पकड़कर लाया है, वह सफेद कुटुम्बी नागिन है। सपेरे की हालत नाजुक होने पर उसको स्वास्थ्य केंद्र (अलीगढ़) भेज दिया गया, जहां उसका ईलाज कराया गया। इसके बाद उमाशंकर ने नागिन को जहां से पकड़ा था, वहीं छोड़ दिया। उसके छोड़ने के कुछ घंटे बाद नागिन मर गई। इसके बाद नागिन का सपेरा और ग्रामीणों ने मिलकर अंतिम संस्कार कर दिया।
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अंतिम संस्कार के बाद जहां नागिन का अवशेष रखा हुआ था, वहां एक सफेद नाग पहुंचा। वह काफी देर तक कलश के इर्द-गिर्द घूमता रहा और बाद में उसने भी दम तोड़ दिया। यहां पर ग्रामीण इस घटना को नाग-नागिन के प्रेम से जोड़कर देख रहे हैं। वहीं, सपेरे उमाशंकर ने ने बताया कि पिछले 20 वर्षों में उसने कभी इस तरह का सर्प नहीं पकड़ा था और न ही देखा था।