तो क्या गुमनामी बाबा ही थे सुभाष चंद्र बोस, बक्से से निकले सामान तो यही दावा करते हैं...

लखनऊ (Uttar Pradesh). अंग्रेजों के खिलाफ आजाद हिंद फौज बनाने वाले सुभाष चंद्र बोस जी की 23 जनवरी को 123वीं जयंती है। इनका जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक में हुआ था। लेकिन उनकी मौत आज भी एक रहस्य है। ऐसा माना जाता है कि यूपी कि अयोध्या में रहने वाले गुमनामी बाबा ही नेताजी थी, जो भेष बदलकर वहां सालों तक रहे। बाबा के बक्से से कुछ ऐसे सामान मिले थे, जोकि गुमनामी बाबा ही नेताजी थे। इसका सबूत देते हैं। आज हम आपको बक्से से मिले उन सामानों के बारे में बताने जा रहे हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jan 23, 2020 5:54 AM IST / Updated: Jan 23 2020, 11:29 AM IST

18
तो क्या गुमनामी बाबा ही थे सुभाष चंद्र बोस, बक्से से निकले सामान तो यही दावा करते हैं...
यूपी के फैजाबाद में सिविल लाइंस इलाके में रामभवन नाम के एक घर में करीब 3 साल तक गुमनामी बाबा रहे। वो कहां से आए, ये बात कोई नहीं जानता। 16 सितंबर 1985 को उनकी रहस्यमय हालात में मौत हो गई। उनके निधन के बाद जब कमरा खोला गया तो वहां ऐसी-ऐसी चीजें मिलीं जिनका ताल्लुक सुभाषचंद्र बोस से था। गुमनामी बाबा को देख चुके लोगों के मुताबिक, वो करीब 6 फुट के लंबे-चौड़े शख्स थे। जर्मन, संस्कृत, बंगाली और हिंदी बोलते थे। उनके साथ रहने वालों का कहना था बाबा अक्सर कहते थे कि उनका नाम तो भारत के रजिस्टर से ही काट दिया गया। गुमनामी बाबा की मृत्यु के बाद वहीं पर उनकी समाधि भी बना दी गई। उनके समाधी पर जो जन्मतिथि लिखी है वह नेताजी की यानी 23 जनवरी 1897 है।
28
गुमनामी बाबा के बक्से से गोल फ्रेम के चश्मे मिले। ठीक ऐसा चश्मा नेताजी सुभाष चंद्र बोस पहनते थे।
38
सुभाष चंद्र बोस की फैमिली की फोटो मिली। बता दें, नेताजी हमेशा अपने पास परिवार की फोटो रखते थे।
48
बाबा के पिटारे से फौज की यूनिफार्म मिली। बता दें, नेताजी ने ही आजाद हिंद फौज बनाई थी।
58
हर साल 23 जनवरी पर बाबा के घर में जश्न मनाया जाता था। नेताजी का जन्म भी 23 जनवरी 1897 को हुआ था।
68
बाबा के झोले से हाथ से बने मैप मिले। बता दें, नेताजी 1945 में रंगून से खजाना लेकर बैंकॉक, सिंगापुर और फिर वियतनाम गए थे।
78
बाबा के पिटारे से काली मां का फोटो फ्रेम मिला। बता दें, नेताजी के घर काली मां की पूजा होती थी। वो हमेशा अपने साथ उनकी फोटो भी रखते थे।
88
कुछ पेपर की कटिंग मिली, जिसमें नेताजी से जुड़ी खबरे थीं। बता दें, दावा किया जाता है कि ताइवान में प्लेन क्रैश में नेताजी की मौत हुई थी।
Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos