एसआरएन के एसआईसी डॉ. एके श्रीवास्तव कहते हैं कि जो गंभीर हैं, उसे एडमिट कर इलाज किया जा रहा है। मरीजों को बेहतर देखभाल के लिए सभी विभागों की एक कमेटी भी बना दी गई है। कई ऐसे मरीज होते हैं जो गंभीर होते हैं, इलाज किया जाता है लेकिन वे बच नहीं पाते हैं।