बता दें कि जब सुनीता और ओमेंद्र सिंह की शादी तय हुई तो पंचायत चुनाव आ गए। ऐसे में श्रीपाल सिंह लोधी ने अपने बेटे की शादी पहले कोर्ट मैरिज करा दी और बहु बनने से पहले ही सुनीता को अपने गांव से चुनाव लड़ा दिया। दिलचस्प बात यह है कि सुनीता सिर्फ पर्चा भरने के लिए ससुराल आईं थी, बाकी का प्रचार उनके ससुराल वालों ने ही किया। हालांकि बाद में वह रिकॉर्ड वोटों से चुनाव जीत गईं।