बिजनौर (Uttar Pradesh) । कोरोना का खौफ अब मानवीय संवेदनाओं और रिश्तों पर भारी पड़ रहा है। जिंदा लोगों को इलाज के लिए अस्पताल और ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा है तो मरने के बाद कोई कंधा देने को तैयार नहीं है। कुछ ऐसी ही कहानी धामपुर कस्बे के स्टेट बैंक कॉलोनी से सामने आई है। जहां, मां की मौत के बाद जब लाचार बेटे को अर्थी के लिए चार कंधे देने वाले नहीं मिले तो उसने मदद के लिए पुलिस के सामने हाथ फैलाया। जिसके बाद पुलिस का मानवीय चेहरा समाज के लिए उदाहरण बनकर सामने आया है। क्योंकि, पुलिस ने उसकी सुन ली और शव को श्मशान घाट पहुंचाकर विधि विधान से अंतिम संस्कार कराया। जिसकी हर कोई सराहना कर रहा है।