मां की अर्थी को कंधा देने नहीं मिल रहे थे लोग, बेटे की पीड़ा सुन पुलिस ने कराया अंतिम संस्कार

बिजनौर (Uttar Pradesh) । कोरोना का खौफ अब मानवीय संवेदनाओं और रिश्तों पर भारी पड़ रहा है। जिंदा लोगों को इलाज के लिए अस्पताल और ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा है तो मरने के बाद कोई कंधा देने को तैयार नहीं है। कुछ ऐसी ही कहानी धामपुर कस्बे के स्टेट बैंक कॉलोनी से सामने आई है। जहां, मां की मौत के बाद जब लाचार बेटे को अर्थी के लिए चार कंधे देने वाले नहीं मिले तो उसने मदद के लिए पुलिस के सामने हाथ फैलाया। जिसके बाद पुलिस का मानवीय चेहरा समाज के लिए उदाहरण बनकर सामने आया है। क्योंकि, पुलिस ने उसकी सुन ली और शव को श्मशान घाट पहुंचाकर विधि विधान से अंतिम संस्कार कराया। जिसकी हर कोई सराहना कर रहा है। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 26, 2021 7:09 AM IST / Updated: Apr 26 2021, 12:46 PM IST
14
मां की अर्थी को कंधा देने नहीं मिल रहे थे लोग, बेटे की पीड़ा सुन पुलिस ने कराया अंतिम संस्कार

स्टेट बैंक कॉलोनी निवासी विकास कुमार शर्मा के परिवार में सप्ताहभर पहले एक शख्स की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो गई थी। जिसके बाद रविवार को उसकी बुजुर्ग मां शीला शर्मा की भी मौत हो गई। 

24

मां की मौत के बाद दूसरे बेटे विकास कुमार शर्मा ने पड़ोसियों और रिश्तेदारों से मदद मांगी। उनका कहना था कि वह कई दिनों से बीमार चल रही थी। हालांकि उसकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आई थी। 
 

34

लोगों को लगा कि बुजुर्ग शीला की मौत भी कोरोना संक्रमण से हुई है। वहीं, रिश्तेदारों ने रविवार को वीकेंड लॉकडाउन होने की बात कहकर आने से इंकार कर दिया। इसके बाद उसने पड़ोसियों से मदद मांगी। लेकिन, कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया।
 

44

एसपी डॉक्टर धर्मवीर सिंह को इसकी खबर लगी तो उन्होंने पुलिस को अंतिम संस्कार कराने के निर्देश दिए। इसके बाद प्रभारी निरीक्षक अरुण कुमार त्यागी की अगुवाई में पुलिस टीम ने विकास के घर पहुंचकर अर्थी को कंधा दिया। इसके बाद श्मशान घाट में हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार कराने में मदद की।

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos