बेहोश हो रहे थे 24 बच्चे, इस तरह 8 घंटे बाद दरवाजा तोड़ पाई पुलिस,10 घंटे बाद की किडनैपर का एनकाउंटर
फरूखाबाद (Uttar Pradesh)। बेटी के जन्मदिन पार्टी के बहाने 24 बच्चों को बुलाने के बाद कैद करने वाले किडनैपर का 10 घंटे बाद इनकांउर हो सका। इस दौरान इन्हें छुड़ाने पहुंची ग्रामीणों पर फायरिंग और पुलिस पर बम फेंक दिया। इसमें कोतवाल समेत तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। हालांकि दरवाजे पर खड़ी पुलिस आठ घंटे बाद अंदर जा पाई और जवाबी फायरिंग में किडनैपर का एनकाउंटर कर पाई। जिसके बाद 24 बच्चे सुरक्षित निकल पाए, लेकिन 10 घंटे तक भूखे-प्यासे ये बच्चे बेहोश होना शुरू हो गए थे। यह सनसनीखेज वारदात जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर मोहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र के बरेली-इटावा हाईवे स्थित गांव करथिया में हुई। मौसा मेघनाथ की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा पा चुका 40 वर्षीय सुभाष बाथम खुद के पकड़वाने के लिए पुलिस का साथ देने पर उन्हें सबक सिखाने के लिए ऐसा किया था।
Ankur Shukla | Published : Jan 31, 2020 2:15 AM IST / Updated: Jan 31 2020, 08:30 AM IST
गुरुवार दोपहर करीब 3:30 बजे अपनी एक साल की बेटी के जन्मदिन के बहाने गांव के करीब 20 बच्चे घर बुलाए और सभी को बंधक बना लिया। देर तक बच्चों के घर न लौटने पर पड़ोसी जब सुभाष के घर पहुंचे तो उसने फायरिंग कर दी। उसने चिल्ला-चिल्लाकर गांव वालों पर फंसाने का आरोप लगाया था।
घर में कैद बच्चों की कोई आवाज नहीं आ रही। इससे घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है। शातिर की पत्नी व बेटी भी अंदर बताई जा रही है। हालांकि, बम-गोली चलने के बावजूद इनकी भी कोई आवाज नहीं आ रही। पुलिस-प्रशासनिक अफसर भी तनाव में थे।
देर रात सिरफिरे ने आदेश बाथम की 6 महीने की बेटी शबनम को छत के मोखले से पुलिस को सौंप दिया। माना जा रहा है कि वह उसे मृत समझ लिया था, क्योंकि शबनम बेहोश हो चुकी थी। देर रात आइजी मोहित अग्रवाल भी गांव पहुंच गए और अफसरों से पूरी जानकारी ली। इसके बाद ग्रामीणों के सब्र का बांध टूट गया और सुभाष के घर का दरवाजा तोड़कर उसे बाहर निकाल लिया।
गुस्साई भीड़ ने उसकी पिटाई शुरू कर दी। इसके बाद वह छुड़ाकर अंदर भागा तो पीछे से पुलिस भी घुस गई। इस पर वह फिर फायरिंग करने लगा, जवाबी फायरिंग में पुलिस की गोली लगने से सुभाष की मौत हो गई। इसके बाद पुलिस ने घर में बने बेसमेंट से बच्चों को सकुशल निकाल लिया।