Published : Mar 25, 2020, 08:35 AM ISTUpdated : Mar 25, 2020, 10:40 AM IST
अयोध्या (Uttar Pradesh)। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए घोषित लॉकडाउन के बीच अयोध्या में रामलला नवरात्र के पहले दिन 28 साल बाद टेंट (त्रिरपाल) में से निकलकर 432 वर्ग फीट के बुलेटप्रूफ अस्थाई मंदिर में 9.500 ग्राम चांदी के सिंहासन पर विराजमान हो गए। सुबह 4 बजे ब्रह्म मुहूर्त में रामलला को शिफ्ट किया गया। यह कार्य श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी, सीएम योगी आदित्यनाथ व संत महंतों की उपस्थिति में पूरा हुआ। अब रामलला के दर्शन इसी अस्थाई मंदिर में होगा। हालांकि लॉकडाउन की वजह श्रद्धालु अभी दर्शन नहीं कर सकेंगे।
रात 2 बजे रामलला को दोबारा से जगाया गया। ब्रह्म मुहूर्त में रामलला को नए अस्थाई मंदिर में शिफ्ट किया गया। इसके लिए 15 वैदिक विद्वान जो दिल्ली प्रयागराज, मथुरा, काशी और अयोध्या से पहुंचे थे।
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रामलला साढ़े नौ किलो चांदी के सिंहासन पर विराजमान हुए। यह सिंहासन 25 इंच लंबा, 15 इंच चौड़ा और 24 इंच ऊंचा है। रामलला का दर्शन लाइव किया गया।
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रामलला को 432 वर्ग फीट के अस्थाई गर्भगृह में विराजमान कराया गया। रामलला की गरिमा व सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध और दर्शनार्थियों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा गया है।
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नवनिर्मित वैकल्पिक गर्भगृह में रामलला को विराजमान करने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने देशवासियों को चैत्रशुक्ल प्रतिपदा और नवसंवत्सर की बधाई दी। सीएम ने कहा कि श्रीरामलला अपने नए आसन पर विराजमान होकर हम सब पर अपनी कृपा और आशीर्वाद निरंतर प्रदान करते रहेंगे।
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मुख्यमंत्री ने 11 लाख रुपए का चेक भी रामलला को दान दिया। मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि रामलला के मंदिर निर्माण का पहला चरण पूरा हो गया है। जल्द ही भव्य मंदिर बनकर तैयार होगा