रवि किशन के पिता नहीं चाहते थे बेटा करे एक्टिंग, कहते थे खानदान का नाम करेगा खराब

वाराणसी (Uttar Pradesh). फिल्म स्टार और बीजेपी सांसद रवि किशन के पिता श्याम नारायण शुक्ला का मंगलवार यानी 31 दिसंबर 2019 देर रात वाराणसी में निधन हो गया। वे 92 साल के थे। पिछले कई महीनों से मुंबई में उनका इलाज चल रहा था। तबीयत में सुधार नहीं होने पर उन्होंने खुद वाराणसी में अपना शरीर त्यागने की इच्छा जताई थी। पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के बाद रवि किशन ने कहा, 31 दिसम्बर तो हर साल आएगा लेकिन मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता कि आज मैंने क्या खो दिया।

Asianet News Hindi | Published : Jan 2, 2020 7:54 AM IST

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रवि किशन के पिता नहीं चाहते थे बेटा करे एक्टिंग, कहते थे खानदान का नाम करेगा खराब
रवि किशन अपने पिता को याद कर काफी भावुक हो गए। उन्होंने कहा, मेरा कोई गुरु नहीं था। न ही मैंने भगवान को देखा। आध्यात्म से लेकर जीवन जीना पिता जी ने ही मुझे सिखाया। वो मेरे गुरु भी थे और भगवान भी। मैं बहुत अकेला हो गया हूं। मेरे सिर से बड़ा साया चला गया। 31 तारीख हर साल आएगा लेकिन शब्दों में नहीं बता सकता कि मैंने क्या खो दिया।
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रवि किशन के पिता को 15 दिन पहले ही परिवार के सदस्य वाराणसी लाए थे। मूल रूप से वह जौनपुर जिले के केराकत गांव के रहने वाले थे। उनका अंतिम संस्कार आज (बुधवार) को वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर किया गया।
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तबीयत में सुधार नहीं होने पर रवि किशन के पिता श्याम नारायण शुक्ला ने खुद वाराणसी में अपना शरीर त्यागने की इच्छा जताई थी।
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रवि किशन ने कहा था, गांव में कभी-कभी मैं रामलीला में सीता का रोल करता था। पिताजी को पसंद नहीं था कि बेटा पढ़ने-लिखने की जगह नाटक में एक्टिंग करे। उन्हें लगता था कि बेटा नालायक हो गया है। यह जीवन में कुछ नहीं कर पाएगा। खानदान का नाम खराब करेगा। इससे नाराज पिताजी अक्सर मेरी पिटाई कर देते थे। एक दिन गुस्से में पिता ने मुझे खूब पीटा था। मां ने बचाने की कोशिश की, लेकिन पिताजी मानने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद मां ने मुझसे कहा बेटा जान बचाकर यहां से भाग जाओ। मां की बात मान मैंने घर छोड़ दिया और मुंबई पहुंच गया।
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2003 में रवि किशन ने सलमान खान के साथ फिल्म 'तेरे नाम' में काम किया। यहां से उन्हें पहचान मिली। इस फिल्म में वो पंडित रामेश्वर के रोल में थे। इसके बाद उन्हें भोजपुरी की पहली फिल्म 'सईयां हमार' में काम करने का मौका मिला। अब तक रवि किशन भोजपुरी की 350 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं।
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रवि किशन ने कहा था, मैंने पिताजी की पसंद से ही शादी की। पहले उन्हें लगता था कि मैं किसी हीरोइन से शादी करूंगा। उन्हें हमेशा इस बात की चिंता रहती थी, लेकिन मैंने मां-बाप की पसंद से ही शादी की। जब मैं स्टार बन गया तो पिताजी बहुत खुश हुए। उन्हें भी अच्छा लगता है कि लोग उन्हें रवि किशन के पिता के रूप में जानते हैं।
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रवि किशन ने सईयां हमार (2003), पंडित जी बताई ना बियाह कब होई (2004), दूल्हा मिलल दिलदार (2005), अब त बनजा सजनवा हमार (2006), राम-बलराम (2009), सत्यमेव जयते (2010), पियवा बड़ा सतावेला (2011), प्रेम विद्रोही (2012), धुरंधर (2013), पंडित जी बताई ना बियाह कब होई 2 (2015), लव और राजनीति (2016) भोजपुरी फिल्मों में काम किया है।
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रवि की पत्नी का नाम प्रीति है। उनके चार बच्चे हैं। तीन बेटियां (रेवा, तनिष्क, और इशिता) व एक बेटा सक्षम है।
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