PM मोदी के कुल देवता का है ये मंदिर, यहां पैंट शर्ट पहन शिवलिंग की पूजा नहीं कर सकते पुरुष

प्रयागराज (Uttar Pradesh). संगम नगरी में चल रहे माघ मेले में रोजाना हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ जुट रही है। शुक्रवार को मेले के प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर संगम में करीब 58 लाख श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। आज हम आपको संगम नगरी प्रयागराज में स्थित एक ऐसे शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जोकि पीएम मोदी सहित गुजरात के अन्य लोगों के कुल देवता हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 24, 2020 8:01 AM IST / Updated: Jan 24 2020, 01:32 PM IST

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PM मोदी के कुल देवता का है ये मंदिर, यहां पैंट शर्ट पहन शिवलिंग की पूजा नहीं कर सकते पुरुष
शहर में जीरो चौराहे के पास हाटकेश्वर महादेव का प्राचीन मंदिर है। सावन और महाशिवरात्रि में यहां यूपी ही नहीं गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और उड़ीसा से भक्त आते हैं। सावन में हर सोमवार को शिवलिंग बहुरंगी पुष्पों से भव्य शृंगार और धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। सैकड़ों साल पुराने इस दक्षिण भारतीय मंदिर में पूजन-अर्चन से जुड़ी रोचक परंपराएं आज भी कायम हैं। यहां आज भी पुरुषों को पैंट-शर्ट और कुर्ता-पायजामा पहनकर रुद्राभिषेक करना पूरी तरह वर्जित है। शिवलिंग की पूजा करने के लिए धोती, लूंगी पहनना जरूरी होता है। पीएम मोदी भी कई बार अपने भाषण में हाटकेश्वर महादेव का जिक्र कर चुके हैं।
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कहा जाता है कि हाटकेश्वर महादेव मंदिर की स्थापना गुजरात के नागर ब्राह्मणों ने कराया था। बाद में मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया। मान्यता है कि पाताल लोक में हाटकी नदी के पास एक शिव मंदिर था। उसी के नाम से इसका नाम हाटकेश्वर महादेव पड़ा। हाटकेश्वर का अर्थ होता है स्वर्ण। यानी पृथ्वी के अंदर मौजूद बहुमूल्य रत्नों के स्वामी हाटकेश्वर महादेव हैं।
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मान्यता है कि हाटकेश्वर के पूजन-अर्चन से भक्तों को सोने चांदी की कमी नहीं होती। एकादशनी रुद्राभिषेक करने से मनोवांक्षित स्वर्णाभुषण की प्राप्ति होती है।
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मंदिर में सिर्फ फल का ही भोग लगाया जा सकता है। क्योंकि हाटकेश्वर महादेव को फल ही पंसद है। अन्न से बने किसी तरह के प्रसाद का भोग लगाना पूरी तरह से वर्जित है।
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मंदिर के बीच में हाटकेश्वर महादेव चांदी के अर्घा में स्थापित है। यह अर्घा पार्वती का स्वरूप माना जाता है। यहां पूजा अर्चना करने से भक्तों को शिव-पार्वती का आशीर्वाद मिलता है। अर्घा के सामने नंदी भगवान विराजमान है। नंदी के बगल गणेश, पार्वती, कार्तिकेय और सूर्य भगवान विराजमान हैं। मंदिर के चारों कोने पर हनुमान जी, दुर्गा जी और लक्ष्मी नारायण की मूर्तियां स्थापित हैं।
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