किसी को चाहिए बासमती चावल तो कोई कह रहा राशन कार्ड बनवाओ, हेल्पलाइन नंबर पर आ रही अजीब शिकायतें

लखनऊ(Uttar Pradesh).  वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए पूरे देश में लॉकडाउन है। ऐसे में मजदूरों व रोज कमाकर खाने वालों को खासी दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है। योगी सरकार इन समस्याओं के समाधान के लिए लगातार काम कर रही है। किसी को कोई समस्या न हो इसके लिए हेल्प लाइन नंबर 1070 जारी किया है। इस हेल्पलाइन पर दिन रात टीम लगी हुई है ताकि किसी को कोई असुविधा न हो। लेकिन इसी हेल्पलाइन पर ऐसी अजीबोगरीब शिकायतें आ रही हैं कि कर्मचारी भी परेशान हैं। 
 

Asianet News Hindi | Published : Apr 28, 2020 11:44 AM IST

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किसी को चाहिए बासमती चावल तो कोई कह रहा राशन कार्ड बनवाओ, हेल्पलाइन नंबर पर आ रही अजीब शिकायतें

हेल्पलाइन पर फोन करने वाला एक शिकायतकर्ता फोन पर अड़ आता है। उसका कहना है कि उसे राशन में मोटा चावल दिया गया है उसे बासमती चावल दिलवाया जाए। ऑपरेटर ने उसे काफी देर तक समझाया लेकिन न समझने पर उसने फोन आपदा के कार्य की प्रभारी एडिशनल सिटी मजिस्ट्रेट किंशुक श्रीवास्तव को दिया। उन्होंने किसी तरह से उसे समझा-बुझा कर शांत करवाया। 

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हेल्पलाइन पर एक पेंशन भोगी रिटायर्ड कर्मचारी ने फोन कर ऑपरेटर से अपना राशन कार्ड बनवाने को कहा। उसे समझाया गया कि उसका राशन कार्ड नहीं बन सकता क्योंकि वह पेंशन भोगी है। लेकिन इस बात को समझने को तैयार नहीं, जिस पर जिस उसे काफी देर बाद समझा-बुझा कर शांत करवाया जाता है। 

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हेल्पलाइन पर एक महिला का फोन आया। वह बेहद गुस्से में थी। उसका कहना था कि कोटेदार ने उसके साथ घोटाला किया है। उसने बताया कि सरकार की ओर से आए राशन में कोटेदार द्वारा उसे गेहूं नहीं दिया गया। उसे केवल चावल ही देकर वापस कर दिया गया। 
 

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इसी दौरान के महिला का फोन आता है। उसका कहना था कि उसका मकानमालिक उसे किराए के लिए परेशान कर रहा है और घर से निकालने की धमकी दे रहा है। जिसके बाद अपर सिटी मजिस्ट्रेट ने मकान मालिक को सख्त लहजे में चेतावनी दी। 
 

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एक शिकायतकर्ता बार-बार राशन न मिलने की शिकायत कर रहा था। जब जांच करवाई गई तो पता चला पात्र न होते हुए भी उसको दो बार राशन मिल चुका है। उसके पास तीन मंजिला पक्का मकान है, बेटा बेंगलुरु में जॉब करता है। जब संबंधित लेखपाल ने उनसे बार-बार शिकायत करने की वजह पूछी तो जनाब बोले कि अभी मुख्यमंत्री द्वारा डीबीटी खाते में दिया जाने वाला एक हजार रुपया खाते में नहीं आया है। जब तक नहीं मिल जाएगा फीडबैक खराब दूंगा। 

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