वकील अहमद को बेटे की करतूत पर अफसोस है। उन्होंने कहा कि पुरखों (मरहूम बुजुर्गों) ने जो इज्जत कमाई, बेटे ने उसे मिट्टी में मिला दिया। मैंने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में लिखवाई थी। अब तो जो भी करेगी, पुलिस करेगी। मैं चाहता हूं कि एक मर्तबा उसे माफी दे दें। वो दोबारा करे तो कुछ भी कर दीजिएगा।