Published : Mar 22, 2020, 06:47 PM ISTUpdated : Mar 24, 2020, 04:47 PM IST
नई दिल्ली। कोरोना वायरस (कोविड 19) की महामारी की वजह से भारत समेत पूरी दुनिया बड़े संकट में है। अब तक दुनियाभर में महामारी के लाखों मामले सामने आ चुके हैं। रोज नए मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। इटली और ईरान जैसे देशों में तो हालात वुहान से भी बदतर हैं। 30 जनवरी से 22 मार्च तक भारत में कोरोना से संक्रमण के 344 मामले पुष्ट हुए हैं। 23 इलाज के बाद सही हो गए हैं, 7 लोगों की मौत हुई है।
भारत में कोरोना की महामारी को रोकने के लिए रेलवे, मेट्रो और कई राज्यों में सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को 31 मार्च तक के लिए रोक दिया गया है। कई जिलों में लॉकडाउन घोषित कर दिया है।
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आइए जानते हैं वो पांच बड़ी गलतियां क्या हैं जिसकी वजह से कोरोना वायरस का खतरा आज दुनिया के हर घर के दरवाजे पर दस्तक दे रहा है।
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#1. संक्रमण के पहले मामलों को छिपाना :- कोरोना वायरस की महामारी चीन के वुहान से पूरी दुनिया में फैली। चीनी सरकार के अप्रकाशित डाटा के आधार पर साउथ चाइना मॉर्निंग की रिपोर्ट में कहा गया कि चीनी प्रशासन ने 266 लोगों को मेडिकल सर्विलान्स पर रखा जो 17 नवंबर से पहले वायरस के संपर्क में आए।
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इस रिपोर्ट से साफ हुआ कि चीन ने कोरोना पर दुनिया से जानकारी छिपाई जिसे लेकर पूरी दुनिया में चीन की आलोचना हो रही है। हालांकि चीन ने कभी नहीं माना कि नवंबर में ही वायरस का पता चल गया था। चीन अगर नवंबर में वायरस से संक्रमण की जानकारी देता तो महामारी का खतरा इस कदर नहीं फैलता।
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#2. जानकारी मिलने में हुई देरी:- नवंबर से ही कोरोना वायरस ह्यूमन बॉडी में जगह पाने के बाद फैलता रहा। लेकिन चीनी सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को आधिकारिक तौर पर 8 दिसंबर को डायग्नोस किए गए केस की जानकारी दी। चीन ने इसे अपने यहां कोरोना वायरस का पहला केस बताया। दिसंबर तक कोरोना चीन समेत अलग-अलग हिस्सों में पहुंचता रहा और लोगों को इसकी जानकारी भी नहीं थी।
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#3. चीनी संपर्क में आए लोगों को मैप करने में देरी :- कोरोना वायरस के मामले में तीसरी सबसे बड़ी गलती वुहान और चीन के संपर्क में आए लोगों को मैप करने में देरी है। इस मामले में दुनिया के तमाम देशों से भी चूक हुई। न तो नवंबर के बाद दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचे चीन के पर्यटकों और उनके संपर्क में आए लोगों को मैप किया गया और न ही दुनिया के अलग-अलग देशों से चीन पहुंचे लोगों को लेकर भी इस तरह की कवायद की गई। ऐसा करके एक स्तर पर कोरोना की गति कमजोर की जा सकती थी।
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#4. संपर्क तोड़ने में देरी, कैजुअली लिया गया चीन के मामला छिपाने की वजह से दुनिया को महामारी का अंदाजा नहीं हुआ। नतीजा यह रहा कि चीन के संपर्क में आए लोगों को मैप करने और चीन या संक्रमण की चपेट में आए देशों से संपर्क तोड़ने में देरी हुई। दुनिया के कई देशों ने इसे बहुत ही हल्के तौर पर लिया। सोचा गया कि चीन से निकली महामारी हजारों किलोमीटर दूर कैसे पहुंच सकती है? कोरोना के मामले में ये चौथी सबसे बड़ी गलती है। दिसंबर में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के बावजूद इससे निपटने की ठोस तैयारी नहीं की गई। दुनिया वुहान को देखती भर रह गई। ईरान और इटली इसी का खामियाजा भुगत रहे हैं।
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चीन में तो कोरोना वायरस के मामलों में कमी आई है लेकिन दुनिया के दूसरे देश इससे तबाह हो रहे हैं। अब तक दुनियाभर में तीन लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और 13,407 लोगों की जानें चली गई हैं।