लॉकडाउन की ये हैं 3 अनोखी शादियां, सुबह बड़ी बहन तो शाम को छोटी बहन ने की शादी, दूल्हे ने ऐसे लिए सात फेरे

लखनऊ (Uttar Pradesh)।  लॉकडाउन की वजह से अधिकांश लोगों ने शादियां टाल दी। लेकिन, बहुत से ऐसे लोग हैं, जिन्होंने अनोखे तरीके से शादी की। इनमें तीन शादियों के बारे में हम आपको बता रहे हैं। जहां न घोड़े, न ही बाराती, न बैंड बाजा और न ही आतिशबाजी। सिर्फ दूल्हा अपने पांच खास लोगों के साथ ससुराल पहुंचा बारात लेकर। यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दूल्हे-दुल्हन ने चेहरे पर मास्क पहना। इनमें दो शादियां तो सगी बहनों की हुई, जिसमें पहली पहन ने दिन में तो दूसरी ने शाम को शादी की।
 

Asianet News Hindi | Published : May 5, 2020 9:15 AM IST / Updated: May 05 2020, 03:01 PM IST
19
लॉकडाउन की ये हैं 3 अनोखी शादियां, सुबह बड़ी बहन तो शाम को छोटी बहन ने की शादी, दूल्हे ने ऐसे लिए सात फेरे


वाराणसी के चोलापुर क्षेत्र के ढेरही ग्राम निवासी श्रीकृष्ण यादव उर्फ पप्पू पेशे से निजी चिकित्सक हैं। बीते जनवरी माह में श्रीकृष्ण यादव ने अपनी दोनों बेटियों सुमन यादव और गुंजन यादव की शादी अलग-अलग स्थानों पर 4 मई को शादी की तिथि तय किया। 
 

29


शादी के तिथि पर लॉकडाउन होने के कारण श्रीकृष्ण यादव ने इसे ईश्वर की मर्जी मानते हुए पूर्व नियत समय पर ही शादी करने हेतु अपने भावी संबंधियों से चर्चा की। वर पक्ष की हामी के पश्चात एक ही मंडप से बारी-बारी दोनों बेटियों के कन्यादान की तैयारी शुरू हो गई। 

39


तय तिथि पर शादी हुई। परिवार के लोगों के मुताबिक पहले दिन में सुमन का और रात में गुंजन का एक ही मंडप से विवाह संपन्न हुआ। इस विवाद में दूल्हे समेत परिवार के कुल 5 सदस्य ही पहुंचे थे।

49


दोनों बेटियों के पिता श्री कृष्ण यादव ने कहा कि भले ही कोरोना की वजह से सादगीपूर्ण तरीके से बेटियों का कन्यादान किया। यदि यह रिवाज बन जाए तो शादी में होने वाले लाखों रुपये खर्च व होने वाली असुविधा से बचा जा सकता है।

59


इसी तरह कौशांबी जिले के सिराथू तहसील के रामपुर सुहेला अल्लीपुर गांव के सरजू प्रसाद ने अपने बेटे राहुल कुमार की शादी बरगदी गांव के राधेश्याम की बेटी मंजू देवी से साल भर पहले सगाई कर दी थी। 

69


तीन महीने पहले 3 मई शादी की तारीख भी मुकर्रर की कर दी गई थी। शादी की सभी तैयारी हो चुकी थी। लेकिन कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉक डॉउन हो गया। ऐसे में शादी पर संकट मंडराने लगा। बावजूद इसके वर एवं वधू पक्ष ने सादगी में शादी करने का फैसला लिया। 
 

79


बारात रात के बजाए दिन में ही ले जाने का प्लान बना, वह भी बिना बैंड बाजे के। बारात के लिए जिला प्रशासन से अनुमति भी ली गई।
 

89


दूल्हा सज-धजकर अपनी दुल्हन को लेने के लिए अपने खास बारातियों के साथ बरगदी गांव पहुंचा। जहां पर दुल्हन के पिता राधेश्याम ने सभी को पहले सोशल डिस्टेनसिंग का पालन कराते हुए खड़ा करवाया। इसके बाद उनका साबुन से हाथ धुलवाया और फिर सैनेटाइजर लगवाकर कर बैठाया।
 

99


नाश्ता करवाने के बाद द्वारचार की रस्म अदा की गई। इसके बाद दुल्हन को गहने व कपड़े आदि भेंट दी गईं। शाम को पंडित ने दूल्हा एवं दुल्हन के अलावा मंडप में बैठे लोगों को मास्क पहनवाया, और सोशल डिस्टेनसिंग का पालन करवाते हुए दूल्हा एवं दुल्हन को सात फेरे दिलाए।

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos