गजब चुनावी माया: शंख-मंत्रों के बीच त्रिशूल लहराती दिखीं मायावती, तस्वीरों में देखिए दीदी का नया अवतार

Published : Sep 07, 2021, 03:13 PM ISTUpdated : Sep 07, 2021, 03:27 PM IST

लखनऊ, उत्तर प्रदेश में साल 2022 यानि कुछ ही महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। देश के सबसे बड़े राज्य में सत्ता पर काबिज होने के लिए सभी पार्टियों ने अभी से जोर लगाना शुरू कर दिया है। इसी बीच बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आज चुनावी शंखनाद कर दिया। बीएसपी ने लखनऊ में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन आयोजित किया। इस दौरान शंख बज रहे थे तो मंच पर मंत्रों का उच्चारण हो रहा था। खुद मायावती हाथ में कभी गणेश की प्रतिमाएं लेकर तो कभी त्रिशूल लहराती नजर आईं।  

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गजब चुनावी माया: शंख-मंत्रों के बीच त्रिशूल लहराती दिखीं मायावती, तस्वीरों में देखिए दीदी का नया अवतार

दरअसल, यूपी में  हर पार्टी ब्राह्मण समाज का साधने के लिए प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन आयोजित कर रही है। दलितों की पार्टी माने जाने वाली बसपा को भी अब लगने लगा कि बगैर ब्राह्मण समाज के चुनाव नहीं जीता जा सकता है। इसलिए बीएसपी ने मंगलवार को राजधानी लखऩऊ से  प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन की शुरूआत की।

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बता दें कि समारोह के दौरान जैसे ही मायावती ने संबोधित करने के के दौरान माइक थामा तो पार्टी के कार्यकार्तों ने जय-जय श्री और जय जय परशुराम के नारे लगाए। जबकि पार्टी का 'नारा हाथी नहीं गणेश है, ब्रह्मा, विष्णु, महेश है', अब आप समझ सकते हैं कि चुनाव जीतने के लिए क्या-क्या करना पड़ रहा है।
 

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मायावती ने संबोधन के दौरान कहा कि भाजपा सरकार में ब्राह्मणों पर अत्याचार बढ़ा है। मायावती ने ऐलान कि ब्राह्मणों पर जो अत्याचार हुआ है, बसपा सरकार आने पर उसकी जांच कराई जाएगी। इसमें जो भी अधिकारी दोषी निकलेगा, उस पर एक्शन लिया जाएगा। बसपा की सरकार बनने पर ब्राह्मणों के मान-सम्मान सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

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मायावती ने कहा, हमारी सरकार ने दलित आदिवासी समाज के धार्मिक संतो और गुरुओं का पूरा सम्मान किया। अन्य वर्ग के लोग जो चाहते हैं कि उनके धार्मिक संत गुरुओ का सम्मान दिया जाए तो उन्हें भी दिया जाएगा।
 

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मायावती ने कहा कि 2012 के चुनाव में सपा ने सत्ता में आकर माहौल खराब किया था। इसके बाद 2017 में लोग भाजपा के प्रलोभन में आ गए। लेकिन यह सरकार कोई वादा पूरा नहीं कर पाई। बसपा धर्म-जाति के आधार पर भी कोई भेदभाव नहीं करती। बसपा सरकार में कानून का राज रहा है।

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