यूपी में बड़ा हादसा: मंत्री के काफिले में 6 किसानों की मौत, हंगामे के बाद आगे के हवाले की गाड़ियां...

लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश). कृषि कानूनों को रद्द (Agriculture laws) करने के लिए आंदोलन (farmers protest) कर रहे किसानों  के बीच भारी बवाल हो गया। एक कार के नीचे आने से 6 किसानों की मौत हो गई। वहीं 8 किसानों के गंभीर रुप से घायल होने की खबर है। घायल किसानों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इतना ही नहीं इस हंगामे के दौरान गुस्साए लोगों ने कारों में आग लगा दी। जानिए आखिर कैसे हो गया यह हादसा...

Asianet News Hindi | Published : Oct 3, 2021 11:50 AM IST / Updated: Oct 03 2021, 07:39 PM IST

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यूपी में बड़ा हादसा: मंत्री के काफिले में 6 किसानों की मौत, हंगामे के बाद आगे के हवाले की गाड़ियां...

दरअसल, लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के दौरे के दौरान राज्य के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य उन्हें रिसीव करने के लिए गए हुए थे। इसी बीच मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा और किसानों के बीच विवाद हो गया। आरोप है कि इसी दौरान मंत्री के बेटे ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी। जिसमें कई किसानों को रौंद दिया गया।

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भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेताओं का कहना है कि इस हदासे में हमारे 6 से ज्यादा किसान मारे गए हैं। किसान मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन करने जा रहे थे, तभी हंगामा शुरू हो गया। वहीं किसान नेता राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर से लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हो गए हैं।

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इसी बीच बीजेपी नेता और किसानों के बीच झड़प होने लगी। वहीं इसके बाद गुस्सा किसानों ने सांसद के बेटे आशीष मिश्रा की गाड़ी और एक अन्य कार में आग लगा दी। बता दें कि हालात बिगड़ने के बाद एडीजी प्रशांत कुमार को CM ने लखीमपुर खीरी भेजा है।

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बता दें कि लखीमपुर खीरी में एक कुश्ती कार्यक्रम था, जिसमें केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी और यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य बतौर चीफ गेस्ट थे। लेकिन उनके आने से पहले तिकुनिया के महाराज उग्रसेन इंटर कॉलेज बने हेलीपैड पर किसानों ने कब्जा कर लिया। जहां किसानों ने बीजेपी नेताओं का विरोध करते हुए हाथों में काला झंडे लहराए।

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किसानों ने बीते 26 सितंबर को केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को एक कार्यक्रम के दौरान काला झंड़ा दिखाकर नारेबाजी की थी। तब टेनी ने किसानों को खरी-खोटी सुनाते हुए कहा था क किसानों के अगुवा खुद तो सामना कर नहीं कर पा रहे हैं तो किसानों को बरगला रहे हैं। उन्होंने कहा कि दस पंद्रह लोग ही केवल आंदोलन कर रहे हैं। अगर कानून गलत होता तो पूरे देश में आंदोलन हो रहा होता।

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