डिप्टी सीएमओ डॉ. वाईएस सचान 'हत्या या आत्महत्या' मामला, इन तस्वीरों से समझिए कब क्या हुआ

लखनऊ: NRHM यानी राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन घोटाले के आरोपी पूर्व डिप्टी सीएमओ डॉ. वाईएस सचान ने लखनऊ जेल में खुदकुशी नहीं की थी। CBI की विशेष अदालत ने सबूतों के आधार पर मौत को हत्या और साजिश का मामला माना है। सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले में लखनऊ जेल में तैनात अधिकारियों के साथ तत्कालीन पुलिस अधिकारियों को भी तलब किया है। अधिकारियों को आठ अगस्त को हाजिर होकर बयान दर्ज कराने होंगे।

Asianet News Hindi | Published : Jul 12, 2022 12:34 PM IST
15
डिप्टी सीएमओ डॉ. वाईएस सचान 'हत्या या आत्महत्या' मामला, इन तस्वीरों से समझिए कब क्या हुआ

CBI की विशेष अदालत की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट समृद्धि मिश्रा ने घटना के वक्त जेल में तैनात जेलर बीएस मुकुंद, डिप्टी जेलर सुनील कुमार सिंह, बंदी रक्षक बाबू राम दुबे और महेंद्र सिंह को कोर्ट में पेश होकर अपना पक्ष रखने को कहा है। इन्हें आरोपी बनाया गया है। साथ ही प्रदेश के तत्कालीन DGP करमवीर सिंह, एडिशनल DGP वीके गुप्ता और IG लखनऊ जोन सुभाष कुमार सिंह को भी तलब किया है। कोर्ट ने यह आदेश डॉ. वाईएस सचान की पत्नी मालती की रिट पर सुनवाई के बाद दिए हैं।

25

डॉक्टर सचान पर बहुचर्चित राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन घोटाले और सीएमओ डॉक्टर बीपी सिंह हत्याकांड मामले का आरोप लगा था। डॉ. सचान पहले गबन के आरोप में गिरफ्तार किए गए थे बाद में पुलिस ने उन पर सीएमओ डॉक्टर बीपी सिंह और डॉक्टर विनोद आर्य की ह्त्या के षड्यंत्र में शामिल होने का भी आरोप लगाया था। बताया जाता है कि संदिग्ध मौत होने के एक दिन बाद ही डॉक्टर सचान को अदालत में बयान देना था चर्चाएं थीं कि वो ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन घोटाले और सीएमओ हत्याकांड मामले में अदालत में कुछ बड़े पर्दाफाश कर सकते थे।

35

साल 2007 विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी सत्ता में आई थी। अपने कार्यकाल के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री व बसपा सुप्रीमो मायावती कानून व्यवस्था को लेकर खाफी सुर्खियों मे थीं। लेकिन 2011 में लखनऊ जेल में हुई डॉ सजान की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया था। बताया जाता है उस दौरान डॉ सजान की मौत को आत्महत्या बताया गया था। यह बसपा शासनकाल का  सबसे चर्चित मामला भी माना जाता है।

45

22 जून 2011 को डॉ. वाईएस सचान की जेल में संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। वह NRHM घोटाले में जेल में बंद थे। उनकी मौत होने पर परिजनों की तरफ से गोसाईगंज थाने में अज्ञात के खिलाफ पत्नी ने FIR दर्ज कराई गई थी। 11 जुलाई 2011 को न्यायिक जांच रिपोर्ट में डॉ. सचान की मौत को हत्या बताया गया था। 14 जुलाई 2011 को हाईकोर्ट ने जांच CBI को ट्रांसफर कर दी। 27 सितंबर 2012 को CBI ने जांच के बाद डॉ. सचान की मौत को सुसाइड बताते हुए चार्जशीट लगा दी थी। इसके खिलाफ मालती सचान ने कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी।

55

CBI की विशेष अदालत ने सबूतों के आधार पर मौत को हत्या और साजिश का मामला माना है। सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले में लखनऊ जेल में तैनात अधिकारियों के साथ तत्कालीन पुलिस अधिकारियों को भी तलब किया है। अधिकारियों को आठ अगस्त को हाजिर होकर बयान दर्ज कराने होंगे।

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos