थम गईं एक और योद्धा की सांसे: यूपी के SP की कोरोना से मौत, महामारी ने छीनीं मासूम बेटियों की खुशियां

Published : May 05, 2021, 12:54 PM ISTUpdated : May 05, 2021, 01:02 PM IST

एटा (उत्तर प्रदेश). महामारी की दूसरी लहर में अब कोरोना योद्धाओं की सांसे भी थमने लगी हैं। डॉक्टर-नर्स से लेकर पुलिस अफसरों की मौत का सिलसिला जारी है। यूपी में बरेली के एसडीएम डॉ. प्रशांत चौधरी के बाद एटा जिले में SP क्राइम राहुल कुमार का कोरोना से निधन हो गया है। तस्वीर में मुस्कुराते हुए दिख रहीं मासूम बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल है। अब वह किसे अपना पापा कहेंगी।

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थम गईं एक और योद्धा की सांसे: यूपी के SP की कोरोना से मौत,  महामारी ने छीनीं मासूम बेटियों की खुशियां


दरअसल, एसपी क्राइम राहुल कुमार की कुछ दिनों पहले कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। जिसके बाद डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज होम आइसोलेशन में चल रहा था। अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां बुधवार सुबह उनकी मौत हो गई। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि एसपी सुबह व्यायाम कर रहे थे, तभी अचानक गिर पड़े थे। इसके बाद उनको अस्पताल लाया गया था।

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बता दें कि  SP राहुल  की दो छोट-छोटी बेटियां हैं, जो पापा को याद करते हुए बिलख रही हैं। वहीं एक सप्ताह पहले उनके भाई की भी कोरोना के चलते मौत हो गई थी। 7 दिन के अंदर एक ही घर के दो बेटे कोरोना की वजह से दुनिया को अलविदा कह गए।  SP का शव लेने के लिए जिलाधिकारी डॉक्टर विभा चहल और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उदय शंकर सिंह अस्पताल पहुंचे हुए थे।

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पिछले माह मार्च में SP राहुल ने  एक ग्रेजुएट ढाबा संचालक की मदद करते हुए उसे न्याय दिलाया था। जिसके कारण वह सोशल मीडिया में वग चर्चा में आए थे। बता दें कि एटा पुलिस ने ढाबा संचालक समेत 10 लोगों को फर्जी मुठभेढ़ में जेल भेजा था। पीड़ित अफसर से  न्याय की गुहार लगाई थी। जिसके बाद जांच की गई तो वह मामला फर्जी पाया गया। इसके बाद उनको जेल से छोड़ दिया गया था।

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बता दें कि SP राहुल कुमार साल  2001 बैच के पीपीएस पुलिस अफसर हैं। वह पिछले एक साल से एटा में एसपी क्राइम के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे थे। उनके जानने वाले और एटा के लोगों का कहना है कि राहुल कुमार एक अच्छे इंसान थे। वह अपने कामों के चलते कम समय में लोकप्रिय हो गए थे। जब भी कोई भी फरियादी उनके पास आता था तो उनको संतुष्ट करने के बाद ही भेजते थे। उनके साथ काम करने वाले का कहना है कि राहुल सर  हमेशा ही अपने कर्मचारियों को खुश रखते थे। कभी उनके साथ काम करके ऐसा नहीं लगा कि वह एक जिले के इतने बड़े पुलिस अधिकारी हैं।

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