कल्याण न होते, तो राममंदिर का 'रास्ता' साफ नहीं होता; कुछ ऐसी है यूपी के सबसे विवादित सीएम की कहानी

लखनऊ. भाजपा के कद्दावर नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का निधन हो गया। शनिवार रात 9 बजे उन्होंने 89 साल की उम्र में लखनऊ के पीजीआई में आखिरी सांस ली। वह काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। पिछले 48 दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। उनके अंतिम दर्शन और श्रद्धांजलि के लिए आम आदमी से लेकर नेताओं तक की भीड़ उमड़ रही है। कल्याण सिंह दुनिया को अलविदा कह गए, लेकिन वह एक ऐसे सीएम रहे हैं जिनका नाम यूपी की राजनीति में हमेशा याद रखा जाएगा।  पढ़िए यूपी के सबसे विवादित सीएम की दिलचस्प कहानी...

Asianet News Hindi | Published : Aug 22, 2021 3:50 AM IST / Updated: Feb 05 2022, 03:25 PM IST
16
कल्याण न होते, तो राममंदिर का 'रास्ता' साफ नहीं होता; कुछ ऐसी है यूपी के सबसे विवादित सीएम की कहानी

बीए तक पढ़ाई के बाद जनसंघ में रखा था कदम
बता दें कि कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी 1932 को अलीगढ़ जिले के अतरौली कस्बे में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री तेजपाल लोधी और माता का नाम श्रीमती सीता देवी था। उन्होंने अपने ही जिले से बीए तक पढ़ाई की हुई थी। इसके बाद वह राजनीति में आने के लिए भारतीय जनसंघ में शामिल हो गए।

26

कल्याण सिंह का राजनीतिक सफर
कल्याण सिंह 1967 में पहली बार अतरौली से विधानसभा का चुनाव जीता। इसके बाद 1980 में बनी भाजपा से उन्होंने 1985 के विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़ा और ऐतिहासिक जीत दर्ज की। वह तब से लेकर 2004 के विधानसभा चुनाव तक अतरौली से लगातार विधायक का चुनाव जीतते रहे।

36

इनके कार्यकाल में हुआ था बाबरी मस्जिद विध्वंस
कल्याण सिंह को भारतीय राजनीतिज्ञ कहा जाता है वह राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल रह चुके हैं। इससे पहले देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी दो बार रह चुके हैं।पहली बार मुख्यमंत्री वर्ष 1991 में बने और दूसरी बार यह वर्ष 1997 में मुख्यमंत्री बने थे। यूपी की राजनीति में उनका नाम शायद ही कोई कभी भूल पाएगा। क्योंकि  इनके पहले मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान ही बाबरी मस्जिद की घटना घटी थी।
 

46

बीजेपी के सबसे तेज तर्रार नेताओं में होती थी गिनती
कल्याण सिंह की पहचान भारतीय जनता पार्टी में तेज तर्रार नेताओं में होती थी। वह कोई भी बयान देने से नहीं चूकते थे। उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए 6 दिसंबर 1992 को मुख्यमंत्री पद से खुद ही इस्तीफा दे दिया था। यह मामला सीबीआई की विशेष अदालत में कई सालों तक चला हाल ही में उन्हें अदालत ने सभी आरोपों से मुक्त कर दिया था।

56

यह ऐतिहासिक घटना मेरे हाथों होनी थी
कल्याण सिंह ने राम मंदिर पर बात करते हुए कल्याण सिंह कहा था कि  ''मुझे गर्व  है कि इतिहास बनाने वाली सबसे महत्वपूर्ण और महान घटना का मैं भी एक पात्र रहा हूं। यह मेरे पुण्य थे जो रामजी ने अपने जन्मस्थान के पुनरुद्धार से जुड़े सबसे महत्वपूर्ण काम का कुछ हिस्सा मेरे हाथों से कराकर मुझे धन्य कर दिया''। इतिहास में कहा जाएगा कि कल्याण सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में इस स्थान का विवादित ढांचा ढहाया गया था। यह सौभाग्य प्रभु राम की कृपा के बिना संभव ही नहीं है।

66

मेरे जीते जी भगवान राम का भव्य मंदिर बनकर हो जाए तैयार
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने जैसे ही साल 2020 में राम मंदिर की नींव रही सबसे ज्यादा खुशी कल्याण सिंह को हुई। उन्होंने कहा- मेरी इच्छा राम काज की थी, वह पूरी हो गई। बस अब एक ही इच्छा है कि मेरे जीवनकाल में जल्द से जल्द भगवान राम का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो जाए। मैं प्रभु राम के जन्मस्थान की भव्यता का दर्शन कर चैन से मरना चाहता हूं ।

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos