एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि ढांचा गिराए जाने का मलाल न तो तब था, न अब है। वह राम मंदिर बनने के लिए इतना खुश हूं कि अब मैं चैन से मर पाऊंगा। बढांचा नहीं बचा, मुझे कोई गम नहीं इस बात का। उन्होंने आगे कहा जो हुआ सब भगवान राम की इच्छा से हुआ, मुझे इस बात का कोई दुख नहीं है। बस जीते जी भव्य राम मंदिर देखने की अंतिम ख्वाहिश पूरी हो जाए।