बता दें कि राष्ट्रपति बनने के बाद 4 साल में पहली बार वह दिल्ली से कानपुर देहात अपने गांव परौंख पहुंचे हैं। गांव पहुंचते ही उन्होंने अपने संबोधन में कहा-''मेरे लिए परौंख केवल एक गांव नहीं है, यह मेरी मातृभूमि है, मैं कहीं भी रहूं, मेरे गांव की मिट्टी की खुशबू और मेरे गांव के निवासियों की यादें सदैव मेरे हृदय में रहती हैं। यहीं से मुझे आगे बढ़ने और देश सेवा करने की प्रेरणा मिलती हैं।''