यदि माता-पिता जीवित नहीं हैं तो पत्नी को यह राशि दी जाएगी। यह निर्णय एक अप्रैल, 2020 से प्रभावी होगा। इस फैसले से केंद्रीय अर्द्ध सैन्यबलों/प्रदेशों के अर्द्ध सैन्यबलों और भारतीय सेना के (तीनों अंगो-थल, जल एवं वायु) के अधिकारियों/कर्मचारियों के मनोबल पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा और शहीद के परिवार को मजबूत एवं प्रभावी संबल प्राप्त होगा।