देर रात अंतरिक्ष से गिरेंगे आग के गोले, हर घंटे बरसेंगे 50 उल्कापिंड, घर की छत से देख पाएंगे अद्भुत नजारा

Published : May 06, 2020, 04:20 PM ISTUpdated : May 06, 2020, 07:04 PM IST

हटके डेस्क: कोरोना के कहर के बीच लोगों की हालत खराब हो गई है। इस वायरस ने दुनिया को लाशों के ढेर में बदल दिया है। संक्रमण से बचने के लिए कई देशों को लॉकडाउन किया गया है। लोग घरों में बंद हैं। इस बीच शायद मायूस और दुखी लोगों का मन बहलाने के लिए भगवान खास प्लानिंग की है। 6 और 7 मई को आसमान में अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। आसमान से हर घंटे करीब 50 उल्कापिंड गिरेंगे। ये साइज में काफी छोटे होंगे, इस कारण इनसे किसी तरह का नुकसान नहीं होगा। साथ ही आसमान में दीवाली सा नजारा भी दिखेगा। इसे एटा एक्वारीड नाम दिया गया है। इस दौरान हर घंटे दर्जनों उल्कापिंड आसमान से गिरेंगे। सबसे अच्छी बात ये है कि ये नजारा दुनिया के कई हिस्सों से नजर आएगा।  

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देर रात अंतरिक्ष से गिरेंगे आग के गोले, हर घंटे बरसेंगे 50 उल्कापिंड, घर की छत से देख पाएंगे अद्भुत नजारा

6 और 7 मई को आसमान में कई उल्कापिंड गिरने से ऐसा नजारा दिखेगा जैसे आसमान में दीवाली की आतिशबाजी हो रही है। 

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हैली धूमकेतु से छोड़े गए मलबों को ही एटा Aquariid उनाम दिया गया है। वैसे तो ये दक्षिणी गोलार्ध में सबसे अच्छा देखा जाता है लेकिन इस बार इसे पृथ्वी के अधिकांश भाग में देखा जा सकेगा।

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खगोलविदों का कहना है कि पूरे मई महीने 6 और 7 मई को ये अपने चरम पर होगा। यहां प्रति घंटे 50 शूटिंग स्टार्स गिरेंगे।

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एटा Aquariids हैली के धूमकेतु द्वारा छोड़े गए मलबे से बनती हैं और हर साल अप्रैल के मध्य से मई के अंत तक इसे देखा जाता है।

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इस बार इसे पृथ्वी के कई हिस्सों से नंगी आँखों से देखा जा सकेगा। जहां रात को हर घण्टे चालीस से ज्यादा उल्कापिंड गिरेंगे। इससे आसमान में सितारों की बारिश नजर आएगी।

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एस्ट्रोनॉमर्स ने कहा कि आपको इस नज़ारे को देखने के लिए बस अपने घर के छत जाने की जरुरत है। बिना किसी टेलिस्कोप के भी ये नजारा देखा जा सकेगा।

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उत्तरी अक्षांश के मध्य के लोगों के लिए ये आकाश में बहुत अधिक नहीं चमकेगा। अधिक चमक दक्षिणी क्षितिज पर लोग देख पाएंगे।
 

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नासा के एस्ट्रोलॉजर्स के मुताबिक़, बेहतरीन नज़ारे के लिए आपको स्ट्रीट लाइट से दूर रहकर इसे देखना होगा। इस दौरान चांद भी चरम पर चमकेगा

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बता दें कि उल्कापिंड आसमान से 1 लाख 48 हजार मील प्रति घंटे से गिरती है। इस तेजी के कारण ही ये इतना चमकता है।
 

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