कोरोना वायरस से निपटने के लिए चीन ने कुछ ऐसे कदम उठाए, जिससे लाखों लोगों की जान बच गई। अगर चीन थोड़ी भी लापरवाही बरतता तो वहां कोरोना सो होने वाली मौतों का आंकड़ा बहुत ही ज्यादा होता। एक साइंटिफिक रिसर्च पेपर में बताया गया है कि वुहान में कोरोना का मामला सामने आते ही चीन ने तत्काल सुरक्षा बरतते हुए वहां सख्ती से क्वारंटाइन लागू किया और बाहर से लोगों के आने-जाने पर पूरी तरह रोक लगा दी। यही कारण है कि कोरोना वुहान से बाहर ज्यादा फैल नहीं सका। अगर चीन ने यह सख्त कदम नहीं उठाया होता तो वहां कोरोना से 7 लाख लोगों की जान जा सकती थी। चीन के इस कदम की ब्रिटेन और अमेरिका ने प्रशंसा की है। कोरोना से बचाव का एक ही उपाय है कि लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने दिया जाए और उनके आने-जाने पर पूरी तरह रोक लगा दी जाए। जिन देशों ने इसमें ढिलाई बरती, आज वहां कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और मौतों का आंकड़ा भी चीन से कहीं ज्यादा है। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि चीन में कोरोना से होने वाली मौतों का असली आंकड़ा सामने नहीं आ पाया है। चीन में आधिकारिक तौर पर बताया गया है कि कोरोना से 3,312 मौतें हुई हैं, लेकिन वहां के कुछ एक्टिविस्ट्स ने दावा किया है कि चीन में रोज कोरोना से मृत 500 लोगों को फ्यूनरल के लिए ले जाया जाता था। इनका कहना है कि चीन में कोरोना से 42 हजार मौतें हुई हैं। बहरहाल, वुहान के सी-फूड मार्केट से फैले कोरोना पर चीन ने 50 दिन के भीतर ही काबू पा लिया, वहीं पूरी दुनिया में इसका आतंक दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है।