बड़ा सिर और फूली हुई आंखें, चीन में बच्चों को प्रोटीन के नाम पर जहर खिला नोट छाप रही कंपनियां

हटके डेस्क: चीन इस समय दुनिया के कई देशों के निशाने पर है। पूरी दुनिया चीन के खिलाफ है। इस देश पर जानते हुए दुनिया में कोरोना फैलाने का आरोप है। लेकिन चीन ने अपनी गलती नहीं मानी। अब चीन से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिससे साफ़ है कि ये देश सिर्फ अपने मुनाफे के बारे में सोचता है। अब इस देश में काफी समय से मौजूद एक कंपनी पर आरोप लगा है कि उसने बच्चों को प्रोटीन पाउडर के नाम पर ड्रग्स दिया। इसमें मौजूद केमिकल्स की वजह से स्वस्थ बच्चों में भी कई तरह के डिफेक्ट्स देखने को मिलने लगे हैं। सबके सिर अजीब ढंग से बढ़ गए हैं। उनकी आंखें सूजी होती है। जब इसकी शिकायत की गई तो जो जवाब दिया गया, उसे सुन पेरेंट्स में भारी आक्रोश है.... 

Asianet News Hindi | Published : May 14, 2020 9:13 AM IST
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बड़ा सिर और फूली हुई आंखें, चीन में बच्चों को प्रोटीन के नाम पर जहर खिला नोट छाप रही कंपनियां

चीन के हुनान प्रांत में एक दुकान में लंबे समय से बच्चों के लिए एक प्रोटीन ड्रिंक बेचीं जा रही थी। इसे बेबी फार्मूला बताकर बेचा जा रहा था। इस दुकान से कई पेरेंट्स इस फार्मूला को खरीदकर अपने बच्चों को पिला रहे थे। लेकिन कुछ समय के बाद उस एरिया में, जहां ये दुकान है, कई बच्चों के सिर में अजीब तरह की सूजन आने लगी।  

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ये बच्चे प्रोटीन ड्रिंक के बिना चिड़चिड़े होने लगे। उनकी आंखें फ़ूलने लगी और ये काफी बीमार रहने लगे। जब कई पेरेंट्स ने अपने बच्चों में एक ही तरह की समस्या देखी, तब जाकर उनके दिमाग की बत्ती जली। 

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कई पेरेंट्स ने अपने बच्चों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की। जहां से ये बात सामने आई कि सभी अपने बच्चों को हुनान के इस दुकान से वही प्रोटीन ड्रिंक पिला रहे थे। 
 

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मामले के सामने आने के बाद हुनान इकोनॉमी टीवी ने इसपर इन्वेस्टिगेशन किया। इसमें पता चला कि सभी बच्चों को दूध से एलर्जी थी। ऐसे में दुकानदार ने उन्हें इस प्रोटीन ड्रिंक का सुझाव दिया था।  
 

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इस ड्रिंक में प्रोटीन तो नहीं था, लेकिन इसमें ड्रग्स की कुछ मात्रा मिली, जिससे बच्चों को इसकी लत लग जाती थी। साथ ही इसमें मौजूद केमिकल्स के कारण उनमें रिकेट्स नाम की बीमारी होने लगी। रिकेट्स में बच्चों के बॉडी की हड्डियां तेजी से बढ़ने लगते हैं। इस वजह से उन्हें दर्द होता है। साथ ही इससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। 

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जांच में ये बात भी सामने आई कि इस ड्रिंक में सिर्फ केमिकल्स थे। इसमें ना तो प्रोटीन थी ना ही विटामिन डी। ये ड्रिंक बच्चों को नशे सा चढ़ता था। इससे उन्हें कोई फायदा नहीं पहुंच रहा था। साथ ही इसकी कीमत इतनी ज्यादा थी कि कंपनियों को इससे काफी फायदा हो रहा था। 

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हुनान में रहने वाली एक महिला ने बताया कि इस ड्रिंक के लिए वो हर महीने 32 हजार रुपये खर्च करती थी। जबकि इससे भी कम उसकी सैलरी है। लेकिन जब उसके बेटे को ये ड्रिंक नहीं मिलता, तो वो रोने लगता था। इस कारण उसे मज़बूरी में ये ड्रिंक पिलाना पड़ रहा था। 

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जब इस बारे में कंपनी और दुकानदार से पूछा गया तो पहले तो उसने इसे प्रोटीन ड्रिंक ही बताया। लेकिन जब उन्हें बताया गया की इस ड्रिंक को पीने से बच्चों को कैसी परेशानी हो रही है, तो उनेक सुर बदल गए।

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उन्होने कहा कि ये ड्रिंक लंबे समय तक पिलाने वाला नहीं था। फिलहाल, मामले की जांच शुरू कर दी गई है और इस ड्रिंक पर रोक लगा दी गई है।  
 

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