दरअसल, कई लोगों को ये उम्मीद है कि जैसे-जैसे तापमान बढ़ेगा, वैसे-वैसे वायरस का असर कम होगा। लेकिन पेकिंग यूनिवर्सिटी फर्स्ट हॉस्पिटल के इन्फेक्शस डिसीज डिपार्टमेंट के हेड ने कहा कि ये सच है कि कोरोना वायरस गर्मी नहीं झेल पाता। ये वायरस अगर आधे घंटे तक 36 डिग्री सेल्सियस में रहे, तो मर जाता है। लेकिन इतनी गर्मी कभी नहीं पड़ेगी।