23 जुलाई को आंखें चौंधिया देंगे आसमान से बरसने वाले अंगारे, साइंटिस्ट्स ने दी चेतावनी- आ सकती है बुरी खबर

Published : Jul 09, 2020, 02:36 PM ISTUpdated : Jul 09, 2020, 05:19 PM IST

हटके डेस्क: साल 2020 कई मायनों में अजीबोगरीब साबित हो रहा है। जहां साल की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया में लगी आग से शुरू हुई थी वहीं इसके बाद तो कोरोना ने दुनिया में आतंक मचा दिया। इस साल भूकंप से लेकर ज्वालामुखी तक ने दुनिया को तबाह करने में पूरा योगदान दिया  है। लेकिन इस साल अंतरिक्ष में भी काफी कुछ देखने को मिल रहा है।  चंद्रग्रहण से लेकर सूर्यग्रहण, साथ ही उल्कापिंडों ने भी इस बार पृथ्वी को तबाह करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। अब एक बार फिर से इस हफ्ते अंतरिक्ष से उल्कापिंडों के गिरने की चेतावनी वैज्ञानिकों ने जारी की है। इस उल्कापिंड को सबसे पहले 27 मार्च को वैज्ञानिकों ने देखा था। इसके बाद से ही इस पर नजर रखी जा रही थी। अब जाकर इस हफ्ते ये उल्कापिंड पृथ्वी के बेहद नजदीक से गुजरेगा। साइंटिस्ट्स ने इस उल्कापिंड को लेकर चेतावनी जारी की है... 

PREV
19
23 जुलाई को आंखें चौंधिया देंगे आसमान से बरसने वाले अंगारे, साइंटिस्ट्स ने दी चेतावनी- आ सकती है बुरी खबर

मार्च के आखिरी हफ्ते में एस्ट्रोनामर्स की नजर इस उल्कापिंड पर पड़ी थी। उन्होंने इसका नाम नियोवाइस रखा था। अब एस्ट्रोनॉमर्स ने बताया है कि इस हफ्ते ये उल्कापिंड पृथ्वी के नजदीक से गुजरेगा।  

29

 उल्कापिंड का आधिकारिक नाम C/2020 F3 है। लेकिन चूँकि इसे नियोवाइस टेलिस्कोप से सबसे पहले देखा गया था, इसलिए इसका नाम एस्ट्रोनॉमर्स ने नियोवाइस रख दिया। 

39

27 मार्च को सबसे पहले स्पॉट होने के बाद अब जाकर ये उल्कापिंडब 27 जुलाई को पृथ्वी के बेहद नजदीक से गुजरेगा। साइंटिस्ट्स ने कहा है कि ये इतने नजदीक से गुजरेगा कि  बिना टेलिस्कोप के भी इसे देखा जा सकेगा। 

49

इस उल्कापिंड की चमक इतनी तेज है कि 6 जुलाई को यूके के कुछ लोगों को साफ़ मौसम में इसे देखने का मौका मिला था। साथ ही 3 जुलाई को ये सूरज के सबसे नजदीक दिखा था।  

59

वैज्ञानिकों का कहना है कि काफी कम उल्कापिंड ही इतने दिन का सफर तय कर पाते हैं। ज्यादातर तो रास्ते में ही टूट जाते हैं। 

69

नासा के वैज्ञानिकों के मुताबिक, सूरज के काफी नजदीक से ये उल्कापिंड गुजरा है। ये उल्कापिंड बर्फ से बना है। ऐसे में इसे पिघल जाना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 
 

79

अगले कुछ हफ़्तों में ये उल्कापिंड पृथ्वी के बेहद नजदीक से गुजरेगा। उम्मीद की जा रही है कि ये पास से गुजर जाएगा लेकिन अगर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण ने इसे खींचा तो ये पृथ्वी की तरफ मुड़ सकता है। 

89

वैज्ञानिकों का कहना है कि ये इतना चमकीला है कि नॉर्दर्न हेमिस्फेयर में ये अभी से दिखाई देने  लगा है। लेकिन 27 जुलाई को ये पृथ्वी के ज्यादातर हिस्सों से दिखाई देगा।  

99

इसे देखने का सबसे बेस्ट टाइम रात को 2 बजे होगा, जब इसकी चमकीली पूंछ भी नजर आएगी। बता दें कि कॉमेट या उल्कापिंड पत्थर, बर्फ या धुल के बड़े कण होते हैं। कई  बार ये उल्कापिंड पृथ्वी को नुकसान भी पहुंचाते हैं। 

Recommended Stories