Published : Jul 06, 2020, 09:46 AM ISTUpdated : Jul 06, 2020, 02:54 PM IST
हटके डेस्क: दुनिया में कोरोना वायरस का कहर फैला है। इस वायरस के नाम से साल की शुरुआत में दुनिया का सामना हुआ। किसी ने सोचा भी नहीं था कि ये वायरस इतना जानलेवा साबित होगा कि पूरी दुनिया इससे प्रभावित हो जाएगी। एक ऐसा वायरस जो लोगों को उनके घरों में बंद करवा देगा। कोरोना की वजह से दुनिया के कई देश लॉकडाउन हो गए। हालात ऐसे हैं कि आज दुनिया में इससे संक्रमितों की संख्या जहां 1 करोड़ के पार है वहां इससे मरने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। इस वायरस को फ़ैलाने का क्रेडिट चीन को दिया जा रहा है। लेकिन ड्रैगन देश अपने कारनामों को मानने के लिए तैयार नहीं है। इस बीच अब एक नया खुलासा हुआ है। कहा जा रहा है कि ये वायरस चीन में आज से 7 साल पहले ही फैल गया था। उस समय इस वायरस ने तीन लोगों की जान ली थी। ये वो लोग थे, जो चमगादड़ का सैंपल लेने के लिए चीन के गुफा में गए थे। यानी चीन इस वायरस को बनाने के फिराक में आज से नहीं, बल्कि सालों से लगा था।
कोरोना को लेकर दुनिया के कई देश कई तरह के जांच और इन्वेस्टिगेशन में लगे हैं। इसमें से एक जांच में ये बात सामने आई है कि आज से सात साल पहले चीन में एक ऐसा वायरस मिला था जो कोरोना से बिल्कुल 96 प्रतिशत मिलती-जुलती है।
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ये वायरस चीन के मोजिआंग में सामने आया था। उस दौरान इस वायरस ने 6 लोगों को अपनी चपेट में लिया था। जिसमें से तीन की मौत हो गई थी। इन सभी को न्यूमोनिया जैसे सिम्प्टम हो गए थे।
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ये सभी लोग एक गुफा से चमगादड़ का सैंपल लेने गए थे। जांच में ये बात सामने आई है कि सालों से चीन के वैज्ञानिक चमगादड़ से वायरस जमा करने में लगे थे। ये सैंपल चमगादड़ की बॉडी से लेकर उसके लार और फिसेस से भी निकाली गई थी।
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2012 में मिले इस वायरस को उस समय RaBtCoV/4991 नाम दिया गया था। इसके 96 प्रतिशत लक्षण कोरोना से मिलते जुलते हैं। इस दौरान तीन लोगों की इससे मौत हो गई थी।
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लेकिन उस समय चीन के वैज्ञानिकों ने इस वायरस पर रोक लगा ली थी। लेकिन दिसंबर 2019 के बाद इस वायरस पर लगाम लगाना मुश्किल हो गया। इस वायरस ने चीन के अलावा दुनिया के लगभग हर देश में कोहराम मचा दिया।
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हालत ऐसे हो गए है कि अभी दुनिया में इससे मारे गए लोगों की संख्या 5 लाख 25 हजार पार कर चुका है। साथ ही करोड़ों लोग संक्रमित हो चुके हैं।
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चीन के ऊपर दुनिया के कई देशों ने कोरोना को जानते हुए फैलाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि ऐसे कई सबूत हैं जो ये दिखाता है कि ये वायरस चीन ने लैब में बनाया है और वहीं से फैलाया है।
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जबकि चीन का कहना है कि ये वायरस चमगादड़ के मांस से दुनिया में फैला है। इसमें मरीज को तेज बुखार हो जाता है और उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है।
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जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, चीन पर शक और गहरा होते जा रहा है। अब 2012 के इस मामले के सामने आते ही लोगों का शक और गहरा हो गया है।