चीन: दुनिया में कोरोनावायरस का आतंक तेजी से फैल रहा है। इस वायरस के आतंक से दुनिया के कई देश प्रभावित हैं। चीन द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, अभी तक इस वायरस ने 600 से अधिक लोगों की जान ली है। लेकिन आपको बता दें कि ये तो मात्र सरकार द्वारा जारी आंकड़े हैं। असलियत तो कुछ और ही है। ये असलियत और किसी ने नहीं, चीन के शमशान घाटों में काम करने वालों ने सामने लाई है। चीन के वुहान, जहां से इस वायरस की शुरुआत हुई, वहां काम करने वाले वर्कर्स ने बताया कि किस तरह वो हर दिन 100 से अधिक लाशों को जला रहे हैं।
Asianet News Hindi | Published : Feb 8, 2020 4:21 AM IST / Updated: Feb 08 2020, 02:05 PM IST
चीन में कोरोना वायरस का आतंक सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है। पूरा शहर लगभग खाली हो चुका है। इस वायरस से ग्रस्त लोग अस्पतालों में भर्ती हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है।
इस बीच वुहान के शमशान घाटों में काम करने वाले वर्कर्स ने बताया कि हर दिन वो 100 से अधिक लाशों को जला रहे हैं।
वैसे तो चीन में ज्यादातर लोग की बॉडीज को जमीन में दफना दिया जाता है लेकिन 1 फरवरी को चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन ने आदेश सुनाया कि वायरस से प्रभावित लोगों की लाश जलाई जाएगी ताकि वायरस आगे ना फैले।
चीन के अस्पतालों को एक्सहिबिशन सेंटर में तब्दील कर दिया गया है जहां कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज किया जाएगा।
वुहान में सड़कों से लोगों को उठाकर अस्पताल में भर्ती करवाया जा रहा है। प्रसाशन इसे और अधिक लोगों तक फैलने से रोकने की कोशिश कर रही है।
लेकिन अभी तक कोई भी इस वायरस का इलाज नहीं ढूंढ पाया है। ऐसे में चीन अपने यहां मरने वाले लोगों का आंकड़ा छिपाने की कोशिश कर रहा है।
लेकिन शमशान घाट, जहां इस वायरस से होने वाली मौत के बाद बॉडीज जलाई जा रही है, वहां काम करने वाले वर्कर्स ने बताया कि हर दिन वो 100 से अधिक लाशें जला रहे हैं।
उन्हें और भी ज्यादा लोगों की जरुरत है क्योंकि अचानक इतना काम बढ़ जाने से उन्हें दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
वुहान के तीन प्रमुख अस्पतालों से हर दिन एक साथ इन लाशों को उठाया जाता है और रात को जब लोग सो जाते हैं तब इन लाशों को एक साथ जला दिया जाता है।