ईवीएम मशीन में ऐसे होती है वोटों की गिनती, बटन दबाने के बाद यूं निकलते हैं नतीजे
झारखंड: आज झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे आने वाले हैं। इसे लेकर मतगणना शुरू हो चुकी है। 81 सीटों वाले झारखंड में पांच चरणों में वोट डाले गए थे, जिसमें कुल 1216 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला ईवीएम मशीन में कैद हुआ। पहले जहां बैलेट पेपर में वोट डाला जाता था, अब वहीं ईवीएम मशीन में प्रत्याशियों की किस्मत कैद होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं, मशीन का बटन दबाने के बाद क्या होता है? आखिर ईवीएम मशीन में काउंटिंग कैसे होती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि अपने पसंदीदा प्रत्याशी के चुनाव चिन्ह के आगे का बटन दबाने के बाद क्या होता है?
Asianet News Hindi | Published : Dec 23, 2019 4:36 AM IST / Updated: Dec 23 2019, 12:00 PM IST
काउंटिंग के दिन सुबह 5 बजे सभी काउंटिंग सुपरवाइजर और असिस्टेंट अपनी ड्यूटी की जगह इक्कट्ठा हो जाते हैं।
रिटर्निंग ऑफिसर की देखरेख में सुबह 8 बजे से काउंटिंग शुरू होती है।
काउंटिंग हॉल के हर टेबल पर एक काउंटिंग सुपरवाइजर और हर पार्टी या प्रत्याशी द्वारा चुना एक एजेंट मौजूद रहता है।
वोटों की गिनती से पहले हर ईवीएम की जांच नियुक्त किए गए ऑफिसर्स करते हैं।
काउंटिंग का कार्य सुपरवाइजर या असिस्टेंट करता है। इसके साथ ही पोस्टल बैलट पेपर भी सतह ही गिना जाता है।
हर राउंड की काउंटिंग के बाद सुपरवाइजर पार्टी के एजेंट के सामने परिणामों की लिस्ट पर साइन करता है। इसे फिर रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा साइन किया जाता है। इसके बाद ही परिणाम की घोषणा होती है।
इस पूरे प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाती है।
इस प्रक्रिया के साथ ही परिणाम का मिलान वीवीपैट से किया जाता है। बता दें कि जैसे ही आप ईवीएम मशीन में अपने पसंद की पार्टी के निशान के आगे का बटन दबाते हैं, अपने आप उस पार्टी के नाम का एक बैलेट पेपर छप जाता है, जिसे आपने वोट दिया है। ईवीएम मशीन की काउंटिंग के बाद परिणामों को इन्हीं बैलेट पेपर से मैच करवाया जाता है।
अगर ईवीएम मशीन के परिणाम और बैलेट पेपर के परिणाम नहीं मिलते, तो आखिर में वीवीपैट का परिणाम ही मान्य होता है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार हर असेंबली क्षेत्र से पांच ईवीएम मशीनों से वीवीपैट का मिलान किया जाएगा।